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Adobe Analytics से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Adobe Analytics ऐसे टूल्स का एक व्यापक और बेहतरीन सेट देता है, जो आधुनिक उद्योगों की जटिल डेटा एनालिसिस की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। पर्सनलाइज़ किए गए रीएंगेजमेंट को चालू करने वाले रीमार्केटिंग ट्रिगर्स से लेकर डेटा-ड्रिवेन एक्सपीरिएंसेज़ के लिए AEM जैसे कॉन्टेंट मैनेजमेंट सिस्टम्स के साथ आसान इंटीग्रेशन तक, यह प्लेटफ़ॉर्म डेटा को ऐक्शनेबल इंटेलिजेंस का रूप देने पर ज़ोर देता है।

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यह गाइड Adobe Analytics, उसके फ़ीचर्स, क्षमताओं और सबसे अच्छे तरीकों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब देती है। इसे मौजूदा और संभावित यूज़र्स के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें डिजिटल मार्केटर्स, डेटा एनालिस्ट, बिज़नेस एनालिस्ट, प्रॉडक्ट मैनेजर और टेक्निकल इंप्लीमेंटेशन विशेषज्ञ शामिल हैं।

रीमार्केटिंग ट्रिगर से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल।

फिर से एंगेज होने वाले कस्टमर्स संभावित कस्टमर्स के लिए रीमार्केटिंग एक महत्वपूर्ण रणनीति है। Adobe Analytics कन्ज्यूमर के बुनियादी व्यवहारों की पहचान करने और उन पर काम करने के लिए टूल्स उपलब्ध करवाता है। यह बेहद असरदार, डेटा-ड्रिवेन रीमार्केटिंग कैंपेन्स चालू करने के लिए आसान अप्रोच से आगे जाकर काम करता है।

Adobe Analytics में रीमार्केटिंग ट्रिगर्स क्या होते हैं?

Adobe Analytics में रीमार्केटिंग ट्रिगर्स मार्केटर्स को कन्ज्यूमर के अहम बर्तावों की पहचान करने, उन्हें तय करने और लगातार उन पर निगरानी करने के लिए सक्षम बनाते हैं। इन बर्तावों का पता लगने के बाद, सिस्टम इन विज़िटर्स को फिर से एंगेज करने के लिए, क्रॉस-सॉल्यूशन कम्यूनिकेशन्स, जैसे कि पर्सनलाइज़ किए गए ईमेल, की शुरुआत कर सकता है। यह क्षमता निष्क्रिय डेटा ऑब्ज़र्वेशन को सक्रिय रूप से फिर से एंगेज करने के अवसरों में बदल देती है, जो एक डायनैमिक और रिस्पॉन्सिव मार्केटिंग स्ट्रैटेजी का ज़रूरी हिस्सा बन जाता है। बुनियादी रूप से, यह यूज़र के ऑनलाइन व्यवहार को सही समय पर और प्रासंगिक इंटरैक्शन में बदलने के बारे में है।

Adobe Analytics के रीमार्केटिंग ट्रिगर्स किस तरह बेसिक कामों (जैसे कार्ट छोड़ना) से आगे के काम भी करते हैं?

कस्टमर का अपनी शॉपिंग कार्ट छोड़ना बुनियादी ट्रिगर का जाना-माना क्लासिक उदाहरण है, लेकिन सही मायनों में डेटा से संचालित होने वाले बिज़नेस में रीमार्केटिंग की संभावनाएँ ऐसे उदाहरणों से कहीं आगे जाती हैं। Adobe Analytics ऐसे रीमार्केटिंग ट्रिगर्स को कॉन्फ़िगर करने में मदद करता है, जो अलग-अलग इवेंट्स तक सीमित रहने की बजाय रीयल-टाइम में मौजूद पूरे डेटा का फ़ायदा उठाते हैं। डेटा का यह व्यापक उपयोग ही इसे इतना महत्वपूर्ण बनाता है। इस संदर्भ में, बुनियादी ट्रिगर्स उन संभावनाओं का बस एक हिस्सा दिखाते हैं, जिन्हें हासिल किया जा सकता है। इससे यह संकेत मिलता है कि Adobe Analytics रीमार्केटिंग के लिए ज़्यादा समग्र, जटिलताओं को समझने वाली और बेहद असरदार रणनीति अपनाने का लक्ष्य रखता है। कई ईमेल या कैंपेन मैनेजमेंट सॉल्यूशन्स बुनियादी ट्रिगर्स उपलब्ध करवाते हैं, लेकिन वास्तव में प्रभावी, क्रॉस-चैनल रीमार्केटिंग प्रोग्राम के लिए ज़्यादा व्यापक रणनीति ज़रूरी है।

Adobe Analytics में किस तरह के ऐक्शन रीमार्केटिंग को ट्रिगर कर सकते हैं?

Adobe Analytics की फ़्लेक्सिबिलिटी की वजह से रीमार्केटिंग ट्रिगर्स को कई कन्ज्यूमर ऐक्शंस के आधार पर कॉन्फ़िगर किया जा सकता है। इनमें सामान्य ई-कॉमर्स सिनारियोज़ शामिल हैं, जैसे कार्ट छोड़ना। इसमें ऐसे उदाहरण भी शामिल हैं जहां प्रॉडक्ट्स को साफ़ तौर पर कार्ट से हटा दिया गया था। ई-कॉमर्स के अलावा, ट्रिगर्स को न्यूज़लेटर साइन-अप, ईमेल सब्सक्रिप्शंस, क्रेडिट कार्ड ऐप्लिकेशंस, लॉयल्टी प्रोग्राम ऐप्लिकेशंस और अन्य कस्टम ऐक्शन के बाद फ़ायर किया जा सकता है। ऐक्शन ट्रिगर्स की यह वेराइटी प्लेटफ़ॉर्म की अडैप्ट करने की क्षमता को रेखांकित करती है, जिससे बिज़नेसेज़ को पूरी कस्टमर यात्रा के दौरान कुछ खास टचपॉइंट और अलग-अलग कन्वर्ज़न लक्ष्यों के लिए रीमार्केटिंग की कोशिशें करने में मदद मिलती है। इस वजह से इसका दायरा ट्रांज़ैक्शनल रिकवरी से कहीं ज़्यादा बढ़ जाता है।

Adobe Analytics रीमार्केटिंग के लिए Adobe Campaign से कैसे इंटीग्रेट करता है?

Adobe Analytics, Adobe Campaign के साथ असरदार इंटीग्रेशन क्षमताएँ पेश करता है। दोनों सॉल्यूशन्स की यह जोड़ी तेज़ी से काम करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिससे मार्केटर्स अपनी रीमार्केटिंग रणनीतियों को जल्दी से लागू कर सकते हैं। इंटीग्रेट किए जाने के बाद, ये सिस्टम एक साथ मिलकर काम करते हैं, ताकि मार्केटर्स किसी ट्रिगर इवेंट पर लगभग तुरंत कार्रवाई कर सकें। इससे यह पक्का होता है कि रीमार्केटिंग मैसेजेस एकदम सटीक समय पर भेजे गए हैं। यह इंटीग्रेशन इनसाइट्स को ऐक्शन में बदलने के लिए निर्णायक है।

सिस्टम की कन्ज्यूमर के बुनियादी बर्तावों के व्यापक सिनारियोज़ की निगरानी करने और क्रॉस-सॉल्यूशन कम्यूनिकेशन शुरू करने की क्षमता, खास तौर से Adobe Campaign के साथ रीयल-टाइम में, बुनियादी बदलाव का संकेत देती है। यह मार्केटिंग को रिऐक्टिव, बैच-ओरिएंटेड रीमार्केटिंग रणनीति से बड़े पैमाने पर सक्रिय, अत्यधिक प्रासंगिक और पर्सनलाइज़्ड एंगेजमेंट के मॉडल की ओर ले जाता है। यह बताता है कि बिज़नेस कस्टमर के कई सारे सिग्नलों के आधार पर पूरे फ़्लो को ऑटोमेट कर सकते हैं, जिससे ज़्यादा असरदार इंटरैक्शन हो सकते हैं।

Adobe Analytics और AEM इंटीग्रेशन से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल।

पर्सनलाइज़ किए गए डिजिटल एक्सपीरिएंसेज़ बनाने के लिए, कस्टमर डेटा इनसाइट्स और कॉन्टेंट डिलीवरी को अलाइन करना बहुत ज़रूरी है। Adobe Analytics और Adobe Experience Manager (AEM) का इंटीग्रेशन इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि इस अंतर को भरा जा सके और डेटा पर आधारित कॉन्टेंट स्ट्रैटेजी को बढ़ावा दिया जा सके।

Adobe Analytics और AEM Sites एक साथ कैसे काम करते हैं?

Adobe Analytics और AEM Sites को नेटिव इंटीग्रेशन और इनसाइट्स के लगातार, दो-तरफ़ा बहाव को कायम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। कस्टमर के व्यवहार और कॉन्टेंट परफ़ॉर्मेंस से जुड़ा Analytics डेटा AEM में डाला जाता है, जबकि डिलीवर किए गए कॉन्टेंट के बारे में जानकारी Analytics के अंदर मौजूद है। जानकारी के इस परस्पर लेन-देन का उद्देश्य कस्टमर डेटा और कस्टमर जिस कॉन्टेंट से इंटरैक्ट कर रहा है, दोनों के लिए विश्वसनीय जानकारी का एकमात्र सोर्स बनाना है। यह इंटीग्रेटेड व्यू ही मुख्य बिंदु है, क्योंकि यह कस्टमर के बर्ताव को समझने (जो कि Analytics का क्षेत्र है) और उसके मुताबिक बनाए गए कॉन्टेंट एक्सपीरिएंस को डिलीवर करने (जो कि AEM की भूमिका है) के बीच अक्सर मौजूद पारंपरिक खांचों को खत्म कर देता है। इसका परिणाम यह होता है कि एक बंद लूप सिस्टम बन जाता है, जहां इनसाइट्स कॉन्टेंट को संचालित करती है और कॉन्टेंट की परफ़ॉर्मेंस फिर से इनसाइट्स को बेहतर बनाती है।

Analytics को AEM के साथ इंटीग्रेट करने के क्या फ़ायदे हैं?

Adobe Analytics को AEM Sites के साथ इंटीग्रेट करने से बिज़नेस से जुड़े महत्वपूर्ण फ़ायदे मिलते हैं। इनमें क्रॉस-सिस्टम वर्कफ़्लो बनाना शामिल है, जो एनालिटिक्स और कॉन्टेंट मैनेजमेंट के बीच संचालन को स्ट्रीमलाइन करता है। यह आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) ऑटोमेशन के ज़रिये ऐडवांस पर्सनलाइज़ेशन की सुविधा देता है, जिससे यूनीक ऑडियंस के अनुसार वर्चुअल तरीके से असीमित ऐसेट वेरिएशन्स बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा, यह डायनैमिक कॉन्टेंट की सुविधा देता है, जो रीयल टाइम में कस्टमर्स की गतिविधियों, व्यवहारों और ज़रूरतों के अनुसार बदलता है। यह इंटीग्रेशन, कॉन्टेंट मैनेजमेंट सिस्टम (CMS) के हेडलेस आर्किटेक्चर के ज़रिये क्रॉस-चैनल एक्सपीरिएंसेज़ बनाने और उनकी डिलीवरी को भी सपोर्ट करता है।

गलती की पहचान से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

सही मायनों में महत्वपूर्ण इवेंट्स की पहचान करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। Adobe Analytics का गलती की पहचान फ़ीचर इन गंभीर भटकावों की ऑटोमैटिक तरीके से पहचान करने के लिए ऐडवांस स्टैटिसटिकल तरीके लागू करता है, जिससे बिज़नेसेज़ को अवसरों और खतरों के लिए असरदार ढंग से प्रतिक्रिया देने में मदद मिलती है।

Adobe Analytics में गलती की पहचान फ़ीचर क्या है?

Adobe Analytics में गलती की पहचान ऐसा फ़ीचर है, जो डेटा में उम्मीद से परे या आँकड़ों की दृष्टि से महत्वपूर्ण भटकाव होने की ऑटोमैटिक तरीके से पहचान करने के लिए, स्टैटिसटिकल मॉडलिंग और मशीन लर्निंग टेक्नीक्स का इस्तेमाल करते हैं। इसे व्यापक डेटासेटों की व्यवस्थित तरीके से और गहराई से छानबीन करके, बिज़नेस पर असर डालने वाले कारणों का जल्दी से पता लगाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह क्षमता उस प्रॉसेस को ऑटोमेट करती है, जो पहले बहुत समय लेता था और मैन्युअल होता था। पहले नज़र में न आने वाले महत्वपूर्ण बदलावों का पहले ही पता लगाने से एनालिस्ट्स और मार्केटर्स को अपना ध्यान उन जगहों पर केंद्रित करने की सुविधा मिलती है, जहाँ इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।

गलती की पहचान फ़ीचर से महत्वपूर्ण डेटा इवेंट का पता लगाने में कैसे मदद मिलती है?

गलती की पहचान फ़ीचर ट्रैफ़िक या अन्य प्रमुख मेट्रिक्स में अप्रत्याशित उछाल या गिरावट का पता लगाता है और इन नतीजों को साफ़-सुथरे तरीके से विज़ुअल रूप में पेश करता है। ऐसी गलतियाँ कई ज़रूरी इवेंट्स का संकेत दे सकती हैं: पॉज़िटिव नतीजे, जैसे कि मार्केटिंग कैम्पेन का उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करना या निगेटिव मुद्दे, जैसे कि वेबसाइट बग, टैगिंग की गड़बड़ियाँ, या कॉर्पोरेट जासूसी जैसी बदनीयती वाली करतूतें। गलती की वजह चाहे लाभकारी हो या हानि पहुँचाने वाली, इसका जल्दी पता लगा लेना हमेशा ही फ़ायदेमंद होता है। इसका मुख्य फ़ायदा तेज़ी से पहचान करना और अवसरों व खतरों को फ़्लैग करना ही है, ताकि अवसरों का फ़ायदा उठाया जा सके और खतरों को कम किया जा सके। इस तरह पूरी जानकारी के साथ तेज़ी से रिस्पॉन्स देने में मदद मिलती है।

गलती की पहचान फ़ीचर के साथ कॉन्ट्रिब्यूशन एनालिसिस का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है?

किसी गलती का पता लगाते समय उसकी बुनियादी वजह को समझना बहुत ज़रूरी है, ताकि सही ऐक्शन लिया जा सके। एनालिसिस वर्कस्पेस के अंदर कॉन्ट्रिब्यूशन एनालिसिस फ़ीचर बुनियादी वजह का पता लगाने के लिए गलती की पहचान फ़ीचर के साथ काम करता है। इससे यूज़र्स को यह समझने में तो मदद मिलती ही है कि गलती कब हुई, लेकिन ऐसा क्यों हुआ, यह भी समझने में मदद मिलती है। कॉन्ट्रिब्यूशन एनालिसिस से उन कारकों को समझने में मदद मिलती है, जिनसे गलती होती है। समस्या का पता लगाने की यह क्षमता, प्रभावी ऐक्शन तैयार करने के लिए ज़रूरी है, चाहे किसी समस्या को ठीक करना हो या किसी पहल को आगे बढ़ाना हो।

क्या गलती की पहचान फ़ीचर सीज़नल बदलावों का भी पता लगाता है?

हाँ, जब एनालिसिस वर्कस्पेस में गलती की पहचान फ़ीचर का इस्तेमाल किया जाता है, तो यह उन सीज़नल बदलावों का पता लगा सकता है, जिनका अनुमान लगाया जा सकता है। इनमें ब्लैक फ़्राइडे जैसे अहम दिन, स्प्रिंग ब्रेक जैसे यात्रा-संबंधी इवेंट और अन्य छुट्टियाँ शामिल हो सकती हैं। यह सुविधा बहुत ज़रूरी है क्योंकि इससे सिस्टम को डेटा पैटर्न के उम्मीद के मुताबिक व नियमित उतार-चढ़ावों और असली गलतियों के बीच अंतर करने में मदद मिलती है। इस तरह फ़ॉल्स पॉज़िटिव की संभावना कम हो जाती है और यह पक्का होता है कि सही अलर्ट्स भेजे जा रहे हैं। एनालिटिक्स के पुराने तरीके में एनालिस्ट्स को अहम ट्रेंड या समस्याएँ देखने के लिए अक्सर कई रिपोर्ट्स को गहराई से देखना पड़ता है।

डेटा वेयरहाउस और डेटा फ़ीड से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

ऐडवांस एनालिसिस, कस्टम मॉडलिंग और व्यापक एंटरप्राइज़ डेटा ईकोसिस्टम के साथ इंटीग्रेशन के लिए डेटा तक बारीकी से पहुँचना ज़रूरी होता है। Adobe Analytics इन ज़रूरतों को पूरा करने के लिए डेटा वेयरहाउस और फ़ीड उपलब्ध करवाने के साथ ही, पावरफ़ुल डेटा स्टोरेज, प्रॉसेसिंग और एक्सपोर्ट की सुविधा देता है।

Adobe Analytics में डेटा वेयरहाउस और डेटा फ़ीड्स से क्या मतलब है?

Adobe Analytics का डेटा वेयरहाउस, डेटा रीप्रॉसेसिंग और ऐंडवांस्ड रिपोर्टिंग के विकल्पों के साथ कस्टमर डेटा के बढ़े हुए स्टोरेज के लिए भी क्षमता देता है। इसे बड़े डेटासेट और जटिल एनालिटिकल क्वेरीज़ को हैंडिल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

डेटा फ़ीड्स का उद्देश्य बिना प्रॉसेस किए हुए डेटा को बैच में डिलीवर करना है। इन्हें रोज़ या घंटे के आधार पर शेड्यूल किया जा सकता है, जिससे बिना प्रॉसेस किया गया डेटा लगातार मिलता है। ये दोनों कंपोनेंट्स Adobe Analytics द्वारा इकट्ठा किए गए ग्रैन्युलर डेटा को मैनेज और ऐक्सेस करने में बिल्कुल अलग लेकिन एक-दूसरे के पूरक के तौर पर काम करते हैं। डेटा वेयरहाउस डेटा को लंबे समय तक स्टोर करने और गहराई से एनालिसिस करने की ज़रूरतों को पूरा करता है, जबकि डेटा फ़ीड्स अन्य सिस्टम्स में इस्तेमाल किए जाने के लिए रॉ (प्रॉसेस नहीं किया गया डेटा) डेटा के रेग्‍युलर और ऑटोमेटेड तरीके से निकालने की सुविधा देता है।

Adobe Analytics से रॉ डेटा का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है?

Adobe Analytics से रॉ डेटा को एक्सपोर्ट करके रीमार्केटिंग सिस्टम्स में डाला जा सकता है, कॉम्प्लेक्स एट्रिब्यूशन मॉडलिंग करने में इस्तेमाल किया जा सकता है या प्रिडिक्टिव एनालिटिक्स के लिए प्रोपेंसिटी स्कोर्स डेवलप करने के लिए किया जा सकता है। साथ ही, रॉ डेटा को अक्सर आर्काइव करने के उद्देश्य से या लंबे समय की एनालिसिस करने के लिए एक्सपोर्ट किया जाता है। ये काम स्टैंडर्ड रिपोर्टिंग इंटरफ़ेस की क्षमताओं के अंतर्गत नहीं आते। यह इस बात को भी प्रमुखता से बताता है कि Adobe Analytics डेटा की उपयोगिता इसके नेटिव रिपोर्टिंग टूल्स से कहीं ज़्यादा है। यह अन्य ज़रूरी बिज़नेस सिस्टम्स और ऐडवांस एनालिटिकल मॉडल्स को भी सशक्त बनाता है।

डेटा वेयरहाउस की क्या क्षमताएँ हैं?

डेटा वेयरहाउस को बड़े पैमाने पर डेटा प्रॉसेस करने और परफ़ॉर्मेंस बेहतर करने के लिए बनाया गया है। यह अलग-अलग शेड्यूल और डाउनलोड की गई रिपोर्टों के लिए, एक ही रिक्वेस्ट में असीमित संख्या में डेटा रो (डेटा की लाइनें) प्रॉसेस करने की सुविधा देता है। यह फ़ीचर व्यापक डेटासेट्स की गहराई से एनालिसिस करने के लिए खास तौर से फ़ायदेमंद होता है। यह बहुत ज़्यादा मात्रा वाले डेटा को एक्सपोर्ट करने और स्टोर करने की सुविधा भी देता है। इसके लिए यूज़र को भी कोई अतिरिक्त प्रयास करने की ज़रूरत नहीं होती है।

डेटा फ़ीड्स, डेटा डिलीवरी को कैसे स्ट्रीमलाइन करती हैं?

डेटा फ़ीड्स को कई तरह की डिजिटल प्रॉपर्टीज़, जैसे कि वेबसाइट, मोबाइल ऐप्लिकेशन या अन्य ऑनलाइन सोर्सेज़ से रॉ डेटा को सीधे संगठन के चुने हुए डेटा लेक या किसी अन्य स्टोरेज लोकेशन में स्ट्रीम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यूज़र्स को इन फ़ीड्स पर काफ़ी ज़्यादा कंट्रोल दिया जाता है, जिसमें नई फ़ीड्स को कॉन्फ़िगर करना, मौजूदा फ़ीड्स को मैनेज करना और ज़रूरत के अनुसार उनमें बदलाव करना शामिल है। जॉब मैनेजमेंट के व्यापक टूल्स एक ही इंटरफ़ेस से सभी डेटा फ़ीड जॉब्स के स्टेटस की निगरानी करने, सही डिलीवरी को वेरिफ़ाई करने और ज़़रूरत पड़ने पर जॉब्स वापस करने की सुविधा देते हैं। यह Adobe Analytics से रॉ डेटा को निकालने और अन्य एंटरप्राइज़ डेटा सिस्टम्स में इंटीग्रेट करने के लिए भरोसेमंद, मैनेज करने लायक और ऑटोमेटेड मेकैनिज़्म उपलब्ध करवाता है। इससे ज़्यादा व्यापक और ज़्यादा संगठित डेटा स्ट्रैटेजी को बल मिलता है।

इंटेलिजेंट अलर्ट्स से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

समय पर फ़ैसला लेने के लिए महत्वपूर्ण डेटा बदलावों के बारे में लगातार जानकारी मिलना बहुत ज़रूरी है। Adobe Analytics में इंटेलिजेंट अलर्ट्स प्रमुख मेट्रिक्स और गलतियों की निगरानी करने का एक ऑटोमेटे़ड तरीका उपलब्ध करवाते हैं और अहम इवेंट होने पर यूज़र्स को तुरंत जानकारी देते हैं।

Adobe Analytics में इंटेलिजेंट अलर्ट्स क्या हैं?

Adobe Analytics में इंटेलिजेंट अलर्ट्स, यूज़र्स को डेटा की गलतियों या मेट्रिक की विशेष सीमा के आधार पर नोटिफ़िकेशन बनाने और मैनेज करने की सुविधा देता है। इसका एक प्रमुख फ़ीचर स्टैक किए गए अलर्ट्स बनाने की क्षमता है, जिससे एक ही नोटिफ़िकेशन में कई मेट्रिक्स के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा करके भेजी जाती है। सिस्टम सक्रिय तरीके से डेटा की निगरानी करता है और कुछ भी असामान्य गतिविधि होने पर यूज़र्स को उसकी जानकारी देता है, जैसे कि स्टैंडर्ड पैटर्न से कुछ भी अलग होने पर या पहले से तय किया गया बेंचमार्क पूरा होने पर। ये अलर्ट इस तरह डिज़ाइन किए गए हैं कि यूज़र्स को डैशबोर्ड की लगातार मैन्युअल निगरानी के बिना ही महत्वपूर्ण डेटा बदलावों पर नज़र रखने में मदद मिले। इससे डेटा की निगरानी कम मेहनत में ज़्यादा सही तरीके से होती है।

इंटेलिजेंट अलर्ट्स, गलती की पहचान फ़ीचर के साथ कैसे काम करते हैं?

इंटेलिजेंट अलर्ट्स इस तरह से डिज़ाइन किए गए हैं कि वे गलती की पहचान फ़ीचर के साथ आसानी से इंटीग्रेट किए जा सकें। इसका मतलब है कि ये अलर्ट्स, मशीन लर्निंग एल्गॉरिद्म द्वारा पता लगाई गई गलती की सीमा के आधार पर ट्रिगर किए जा सकते हैं, ताकि यह पक्का हो सके कि सबसे ज़्यादा ज़रूरत के समय ही उन्हें फ़ायर किया जा रहा है। इंटेलिजेंट अलर्ट्स सिर्फ़ आसान, निश्चित सीमाओं पर आधारित नहीं होते हैं। फिर भी, उन्हें ऐसे सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण भटकाव होने पर ऐक्टिवेट किया जा सकता है, जिनकी पहचान सिस्टम ने असामान्य या उम्‍मीद से परे भटकाव के रूप में की है। इससे ये अलर्ट्स ज़्यादा प्रासंगिक और कार्रवाई योग्य बन जाते हैं।

किस प्रकार के अलर्ट ट्रिगर्स कॉन्फ़िगर किए जा सकते हैं?

यूज़र्स के पास अलर्ट ट्रिगर करने वाली स्थितियों को कॉन्फ़िगर करने के लिए काफ़ी फ़्लेक्सिबिलिटी होती है। अलर्ट्स को गलती की पहचान फ़ीचर द्वारा तय की गई सीमाओं, मेट्रिक में कुछ खास प्रतिशत बदलावों या मेट्रिक के पहले से तय डेटा पॉइंट से ऊपर या नीचे जाने के आधार पर सेट किया जाता है। इस खासियत से यूज़र्स को अपने खास KPI यानी परफ़ॉर्मेंस से जुड़े प्रमुख इंडिकेटर्स के लिए और खास बिज़नेस संदर्भ में सटीक तरीके से "अहम इवेंट" तय करने की सुविधा मिलती है और उनके लिए अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर अलर्ट करने वाले सिस्टम को बनाना आसान हो जाता है।

अलर्ट्स को किस तरह मैनेज और डिलीवर किया जाता है?

Adobe Analytics असरदार अलर्ट मैनेजमेंट के लिए टूल उपलब्ध करवाता है। यूज़र्स यह प्रीव्यू देख सकते हैं कि पुराने रिकॉर्ड और मौजूदा सेटिंग्स के आधार पर किसी अलर्ट के कितनी बार ट्रिगर होने की संभावना होती है। इससे अलर्ट के क्राइटेरिया को ठीक से सेट करने में मदद मिलती है, जिससे बहुत ज़्यादा नोटिफ़िकेशन भेजने से होने वाली अलर्ट की थकान से बचा जा सके। अलर्ट की शर्त पूरी होने पर, ईमेल या SMS के ज़रिए मैसेजेज़ भेजे जा सकते हैं। इन नोटिफ़िकेशन में अक्सर अपने-आप जेनरेट की गई एनालिसिस के लिंक शामिल होते हैं, जो अलर्ट ट्रिगर करने वाले इवेंट के बारे में समझने और तात्कालिक संदर्भ जानने में मदद करते हैं। स्टैंडर्ड कम्यूनिकेशन चैनलों के माध्यम से डिलीवरी से यह पक्का होता है कि यूज़र को जागरूक रहने के लिए समय पर जानकारी मिल रही है और एनालिसिस के डायरेक्ट लिंक जाँच की प्रक्रिया में तेज़ी लाते हैं।

स्टैक किए गए अलर्ट्स क्या होते हैं?

स्टैक किए गए अलर्ट्स, यूज़र्स को संबंधित KPI के लिए अलग-अलग कई सारे अलर्ट्स बनाने और मैनेज करने के बजाय, एक ही अलर्ट के अंदर कई मेट्रिक्स की निगरानी करने की सुविधा देकर अलर्ट मैनेजमेंट को स्ट्रीमलाइन करते हैं। इसके अलावा, अलर्ट्स को ऑडियंस के किसी खास सेगमेंट या डिवाइसों के आधार पर फ़िल्टर करके और भी बेहतरीन नतीजे पाए जा सकते हैं। काम की जानकारी को ग्रुप्स में बाँटकर स्टैक किए गए अलर्ट्स नोटिफ़िकेशन की संख्या में कमी कर देते हैं। फ़िल्टर करने की क्षमता इस प्रॉसेस में और भी ज़्यादा बारीकी जोड़ती है और यह पक्का करती है कि अलर्ट्स पाने वाले लोगों या बिज़नेस के उस खास क्षेत्र के लिए ये बेहद प्रासंगिक हों, जिसकी निगरानी की जा रही है।

इंटेलिजेंट अलर्ट्स की शुरुआत (खास तौर से जब इसे गलती की पहचान फ़ीचर के साथ इंटीग्रेट किया जाता है), यूज़र्स किस तरह अपने डेटा के साथ इंटरैक्ट करते हैं, इसमें आए बदलाव को दिखाती है। अब यूज़र्स को मैन्युअल तरीके से बहुत बड़े और जटिल डेटासेट के अंदर इनसाइट्स या समस्याएँ खोजने की ज़रूरत नहीं है, यह सिस्टम इसकी पूरी निगरानी करता है। यह महत्वपूर्ण इवेंट और भटकावों को "अपने आप जेनरेट की गई एनालिसिस के लिंक के साथ ईमेल या SMS" जैसे चैनलों के माध्यम से पहले ही फ़्लैग कर देता है। इससे डेटा-संचालित सिग्नल्स के लिए ज़्यादा एंगेज करने वाली, रिस्पॉन्सिव और तात्कालिक रणनीति को बढ़ावा मिलता है।

लाइव स्ट्रीम से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

रीयल टाइम में डेटा ऐक्सेस करने और उस पर कार्रवाई करने से, आपको प्रतियोगी माहौल में काफ़ी फ़ायदा मिल सकता है। Adobe Analytics का लाइव स्ट्रीम फ़ीचर यह क्षमता उपलब्ध करवाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह तुरंत एनालिसिस और ऐक्टिवेशन के लिए नये डेटा का लगातार फ़्लो डिलीवर करता है।

Adobe Analytics में लाइव स्ट्रीम फ़ीचर क्या है?

Adobe Analytics में लाइव स्ट्रीम फ़ीचर रीयल टाइम में बिना प्रॉसेस किया हुआ, हिट-लेवल डेटा लगातार उपलब्ध करवाता है। यह डेटा डिजिटल प्रॉपर्टीज़ से इकट्ठा किए जाने के कुछ ही सेकंड के अंदर, आम तौर पर 30 से 90 सेकंड के अंदर, उपलब्ध हो जाता है। रॉ और ग्रैन्युलर डेटा तक लगभग तुरंत ऐक्सेस उन यूज़ केसेज़ के लिए महत्वपूर्ण है, जिनमें तुरंत ऐक्शन लेने की ज़रूरत होती है या डेटा को अन्य रीयल टाइम सिस्टम्स में फ़ीड करने की ज़रूरत होती है। "प्रॉसेस नहीं किया गया" टर्म का मतलब है कि डेटा अभी अपने सबसे डिटेल रूप में है। इसे अभी तक स्टैंडर्ड रिपोर्टिंग प्रॉसेस से इकट्ठा या बदला नहीं गया है, जिससे यह बेहद खास या टाइम-सेंसिटिव एनालिसिस के लिए आदर्श है।

लाइव स्ट्रीम से आए हुए रीयल-टाइम डेटा के यूज़ केसेज़ क्या हैं?

रीयल टाइम डेटा की लाइव स्ट्रीम को कई तरह के यूज़ केसेज़ में लागू किया जा सकता है। इनमें तात्कालिक ऑपरेशनल जागरूकता के लिए लाइव-ट्रैफ़िक डैशबोर्ड को मजबूत बनाना, डायनैमिक रीटार्गेटिंग या रीमार्केटिंग कोशिशों के लिए सुझाए गए इंजन और पर्सनलाइज़ेशन एल्गॉरिद्म में डेटा फ़ीड करना, मार्केटिंग कैम्पेन्स लागू होने पर उनके प्रभावों की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग चालू करना और यूज़र्स के लिए उनके इंटरैक्शन के दौरान सही समय पर ऑफ़र्स और कॉन्टेंट को पर्सनलाइज़ करना शामिल है। ये उदाहरण लाइव स्ट्रीम के बहुउपयोगी होने की क्वॉलिटी को हाइलाइट करते हैं, जिसमें हाई-लेवल की ऑपरेशनल मॉनीटरिंग से लेकर व्यक्तिगत स्तर पर तुरंत होने वाला कस्टमर इंटरैक्शन शामिल है।

क्या लाइव स्ट्रीम अन्य Adobe Experience Cloud प्रॉडक्ट्स के साथ इंटीग्रेट करता है?

हाँ, लाइव स्ट्रीम के डेटा को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि वह अन्य Adobe Experience Cloud प्रॉडक्ट्स के साथ इंटीग्रेट हो सके और कंपैटिबिल भी रहे। स्ट्रीम में Adobe ईकोसिस्टम के अंदर अन्य सॉल्यूशन्स से निकलने वाले हिट-लेवल इवेंट्स शामिल हैं, जैसे कि Adobe Target (पर्सनलाइज़ेशन और A/B टेस्टिंग के लिए) या Adobe Advertising Cloud (विज्ञापन मैनेजमेंट के लिए)। यह इंटीग्रेशन Adobe Experience Cloud द्वारा मैनेज किए जा रहे कई टचपॉइंट्स से मिलने वाले इंटरैक्शन डेटा और इनसाइट्स की मदद से रीयल-टाइम डेटा को समृद्ध करता है. यह कस्टमर ऐक्टिविटी का रीयल-टाइम में पूरा व्यू देता है, जिसे तुरंत ऐक्टिवेशन और क्रॉस-सॉल्यूशन वर्कफ़्लोज़ के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

वीडियो एनालिटिक्स से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल।

डिजिटल एंगेजमेंट में वीडियो कॉन्टेंट बहुत असरदार कारक है। कॉन्टेंट क्रिएटर्स, मार्केटर्स और मीडिया कंपनियों के लिए यह समझना बहुत ज़रूरी है कि व्यूअर वीडियो के साथ किस तरह इंटरैक्ट करते हैं। Adobe Analytics वीडियो के गहराई से मूल्यांकन और एनालिसिस के लिए स्पेशलाइज़्ड फ़ीचर उपलब्ध करवाता है।

वीडियो एनालिटिक्स क्या क्षमताएँ प्रदान करता है?

Adobe Analytics में वीडियो एनालिटिक्स, वीडियो के इस्तेमाल से जुड़ी बारीक जानकारी लगभग रीयल-टाइम में दिखाता है, जिसमें वीडियो बंद और चालू करने के इंस्टैंस और वीडियो की अवधि जैसे मेट्रिक्स भी शामिल हैं। यह व्यूअर की आदतों के बारे में जानकारी पाने के लिए विभिन्न वीडियो मेट्रिक्स के मूल्यांकन और कॉम्बिनेशन की सुविधा देता है। फिर ये इनसाइट्स एंगेजमेंट को बढ़ा सकती हैं। ऐसा अक्सर अक्सर बहुत ज़्यादा पर्सनलाइज़ किए गए सुझाव देकर किया जाता है। इसकी एक मुख्‍य ताकत विभिन्न मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर वीडियो की परफ़ॉर्मेंस का मूल्यांकन करने की क्षमता है और इसमें ऑफ़लाइन वीडियो कॉन्टेंट के इस्तेमाल को ट्रैक करने की भी क्षमता है। यह विशेष सॉल्यूशन वीडियो कॉन्टेंट का इस्तेमाल करने के तरीके के बारे में गहराई से समझने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस बारे में समझना किसी भी ऐसे बिज़नेस के लिए बेहद ज़रूरी है, जो कम्यूनिकेशन, मार्केटिंग या कमाई के तरीके जेनरेट करने के लिए पूरी तरह वीडियो पर निर्भर करते हैं।

वीडियो एनालिटिक्स से किन प्लेटफ़ॉर्म्स को ट्रैक किया जा सकता है?

वीडियो एनालिटिक्स की क्षमताएँ कई सारे आधुनिक वीडियो प्लेटफ़ॉर्म्स पर भी लागू होती हैं। इनमें मोबाइल फ़ोन, टैबलेट, ओवर-द-टॉप (OTT) डिवाइस (जैसे स्मार्ट टीवी और स्ट्रीमिंग बॉक्स), पारंपरिक सेट-टॉप बॉक्स और गेमिंग कन्सोल शामिल हैं। ज़रूरी बात यह है कि यह ऑफ़लाइन कॉन्टेंट के मूल्यांकन को भी सपोर्ट करता है। इस व्यापक प्लेटफ़ॉर्म का सपोर्ट यह पक्का करता है कि आज के युग में ऑडियंस जितने भी अलग-अलग तरीकों से कॉन्टेंट ऐक्सेस करती है, बिज़नेसेज़ को उन सभी में वीडियो के इस्तेमाल के बारे में पूरी जानकारी मिल सके।

कौन-से प्रमुख वीडियो मेट्रिक्स इकट्ठा किए जा सकते हैं?

बेसिक व्यू काउंट के अलावा, वीडियो एनालिटिक्स से प्रमुख मेट्रिक्स का पूरा सेट इकट्ठा करने की सुविधा मिलती है, जिससे एंगेजमेंट और परफ़ॉर्मेंस की गहरी इनसाइट्स मिलती हैं। इनमें शामिल हैं:

  • एक ही समय में व्यूअर्स की संख्या प्रति मिनट: लाइव वीडियो इवेंट के दौरान ऑडियंस एंगेजमेंट का मूल्यांकन करने के लिए विशेष रूप से उपयोगी।
  • एक्सपीरिएंस मेट्रिक्स की क्वॉलिटी: ये मेट्रिक्स बफ़रिंग या गड़बड़ियों जैसे पहलुओं को ट्रैक करके ऑडियंस के लिए सहज और बिना रुकावट वाला वीडियो डिलीवरी एक्सपीरिएंस पक्का करने में मदद करते हैं।
  • डाउनलोड किए गए ऑफ़लाइन कॉन्टेंट की ट्रैकिंग: यह ऑफ़लाइन देखे जाने के लिए डाउनलोड किए गए वीडियो कॉन्टेंट के साथ एंगेजमेंट को कैप्चर करता है।
  • रीयल-टाइम ट्रेंडिंग वीडियोज़: व्यूअर्स के बीच सबसे ज़्यादा लोकप्रिय वीडियो कॉन्टेंट की पहचान करता है ।
  • वीडियो विज्ञापन एनालिसिस: यह समझने में मदद करती है कि विज्ञापन डिलीवरी व्यूअर्स पर किस तरह असर डालती है और यह पक्का करती है कि सही और पर्सनलाइज़ किए गए विज्ञापन मैसेजेज़ डिलीवर किए जाएँ। ये मेट्रिक्स वीडियो कॉन्टेंट की पहुँच, एंगेजमेंट क्वॉलिटी, टेक्निकल परफ़ॉर्मेंस और मॉनेटाइज़ेशन के लिए असर के बारे में बारीक समझ देते हैं।

क्या यह ऑफ़लाइन कॉन्टेंट ट्रैकिंग और वीडियो विज्ञापन एनालिसिस को सपोर्ट करता है?

हाँ, वीडियो के लिए एनालिटिक्स साफ़ तौर पर डाउनलोड की गई ऑफ़लाइन कॉन्टेंट ट्रैकिंग और वीडियो विज्ञापन एनालिसिस को सपोर्ट करता है। ऑफ़लाइन ट्रैकिंग की क्षमता बिज़नेसेज़ को कॉन्टेंट के साथ यूज़र एंगेजमेंट को समझने की सुविधा देती है, तब भी जब वह कॉन्टेंट लाइव स्ट्रीम न किया गया हो। वीडियो विज्ञापन एनालिसिस फ़ीचर, व्यूअर्स पर विज्ञापनों के असर का आकलन करने और पर्सनलाइज़ की गई व असरदार मैसेज़िंग पक्का करने के लिए विज्ञापन डिलीवरी को ऑप्टिमाइज़ करने में मदद करता है। ये फ़ीचर्स आधुनिक वीडियो रणनीति के अहम पहलुओं पर ध्यान देते हैं: चलते-फिरते वीडियो कॉन्टेंट इस्तेमाल करना और वीडियो-आधारित विज्ञापनों की परफ़ॉर्मेंस।

वीडियो के लिए फ़ेडरेटेड एनालिटिक्स क्या है?

फ़ेडरेटेड एनालिटिक्स वीडियो एनालिटिक्स से जुड़ा एक फ़ीचर है, जो डिस्ट्रीब्यूटर्स से वीडियो एनालिटिक्स डेटा शेयर करने और प्राप्त करने की सुविधा देता है। इसका लक्ष्य वीडियो के इस्तेमाल का ज़्यादा समग्र नज़रिया देना और कई तरह के डिवाइसों और डिस्ट्रीब्यूशन पार्टनर के माध्यम से पूरी ऑडियंस की पहुँच को बेहतर ढंग से समझना है। यह उन कॉन्टेंट क्रिएटर्स और मीडिया कंपनियों के लिए खास तौर पर अहम है, जो अपने वीडियो कॉन्टेंट को कई थर्ड-पार्टी प्लैटफ़ॉर्म्स या सेवाओं के ज़रिये डिलीवर करते हैं क्योंकि यह उन्हें अपनी ऑडियंस की व्यापक तस्वीर के लिए व्यूअरशिप डेटा को इकट्ठा करने की सुविधा देता है।

वीडियो देखने की आदतों के बारे में डिटेल्‍ड जानकारी मुहैया करवाकर, रीयल टाइम में ट्रेंडिंग वीडियो की पहचान करके और वीडियो विज्ञापन एनालिसिस को चालू करके, यह सॉल्यूशन कॉन्टेंट क्रिएशन स्ट्रैटेजी, प्रोग्रामिंग शेड्यूल और वीडियो विज्ञापन दृष्टिकोणों के बारे में पूरी जानकारी के साथ डेटा-संचालित फ़ैसले लेने में मीडिया कंपनियों, कॉन्टेंट क्रिएटर्स और मार्केटर्स की मदद करता है। उदाहरण के लिए, यह समझना कि विज्ञापन डिलीवरी व्यूअर के एक्सपीरिएंस पर कैसे असर डालती है और यह पक्का करना कि विज्ञापन के मैसेजेज़ पर्सनलाइज़्ड हैं, मॉनेटाइज़ेशन के नतीजों को सुधार सकता है और व्यूअर रिटेन्शन को बेहतर बना सकता है।

वॉइस एनालिटिक्स से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

वॉइस असिस्टेंट और वॉइस पर आधारित इंटरफ़ेस लगातार, कन्ज्यूमर्स के टेक्नोलॉजी और ब्रांड्स के साथ इंटरैक्ट करने के तरीके का अभिन्न अंग बनते जा रहे हैं। Adobe Analytics वॉइस डेटा को कैप्चर और एनालाइज़ करने के लिए खास फ़ीचर उपलब्ध करवाता है, जिससे बिज़नेसेज़ को इन उभरते हुए एक्सपीरिएंसेज़ को ऑप्टिमाइज़ करने में मदद मिले।

Adobe Analytics किस तरह वॉइस असिस्टेंट एनालिटिक्स को सपोर्ट करता है?

Adobe Analytics वॉइस इंटरैक्शन डेटा को व्यवस्थित तरीके से कैप्चर और एनालाइज़ करके, वॉइस पर आधारित इंटरफ़ेस के ज़रिए बिज़नेसेज़ को ज़्यादा पर्सनलाइज़्ड और प्रेरित करने वाले कस्टमर एक्सपीरिएंसेज़ डिलीवर करने की सुविधा देता है। यह क्षमता सभी प्रमुख वॉइस असिस्टेंट प्लैटफॉर्म्स पर उपलब्ध है। वॉइस एनालिटिक्स से प्राप्त इनसाइट्स संगठनों को अपने वॉइस ऐप्लिकेशन के डेवलपमेंट को ऑप्टिमाइज़ करने, इन ऐप्लिकेशन के साथ यूज़र एंगेज़मेंट को बढ़ाने और ओवरऑल कस्टमर एक्सपीरिएंस के व्यापक संदर्भ में वॉइस इंटरैक्शन के असर और भूमिका की स्पष्ट समझ हासिल करने में मदद करती हैं। जैसे-जैसे वॉइस इंटरैक्शन ज़्यादा प्रचलित होता जा रहा है, ऐसी सटीक एनालिटिक्स ब्रांडों के लिए यूज़र के बर्ताव को समझने, समस्या के बिंदुओं की पहचान करने और वॉइस स्ट्रैटेजी को बेहतर बनाने के लिए ज़रूरी होती जा रही है।

वॉइस इंटरैक्शन के लिए कौन-से प्रमुख मेट्रिक्स कैप्चर किए जा सकते हैं?

वॉइस इंटरैक्शन की बारीक समझ देने के लिए, Adobe Analytics प्रमुख डेटा पॉइंट्स को कैप्चर करने की सुविधा देता है, खास तौर से जो इस मीडियम के लिए प्रासंगिक हों। इन मेट्रिक्स.में ये शामिल हैं:

  • इस्तेमाल की फ़्रीक्वेंसी: यूज़र्स, वॉइस ऐप्लिकेशन के साथ कितना इंटरैक्ट करते हैं।
  • इंटेंट: यूज़र्स अपनी वॉइस कमांड्स से क्या हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं?
  • यूज़र ऑथेंटिकेशन: वॉइस सेशन्स के दौरान यूज़र्स को प्रमाणित किया जाता है या नहीं और अगर किया जाता है तो कैसे?
  • स्लॉट्स: किसी इंटेंट को पूरा करने के लिए ज़रूरी विशिष्ट जानकारी (जैसे, मौसम संबंधी रिक्वेस्ट के लिए शहर का नाम)।
  • पैरामीटर्स: यूज़र्स द्वारा अपनी रिक्वेस्ट से जुड़ी अतिरिक्त जानकारी देना।
  • सेशन की अवधि: वॉइस इंटरैक्शन सेशंस की अवधि। ये विशेष मेट्रिक्स वॉइस इंटरैक्शन की अनूठी विशेषताओं के अनुरूप तैयार किए गए हैं, जिससे बिज़नेसेज़ को यूज़र का व्यवहार, क्वेरीज़ की सफलता दर, टकराव के बिंदु और अपने वॉइस वाले ऐप्लिकेशन के साथ ओवरऑल एंगेजमेंट के स्तर को समझने में मदद मिलती है।

वॉइस डेटा को ओमनीचैनल व्यू में कैसे इंटीग्रेट किया जाता है?

वॉइस असिस्टेंट ऐप्लिकेशन से प्राप्त डेटा को अन्य सभी चैनलों (जैसे, वेब, मोबाइल ऐप, ईमेल) से प्राप्त डेटा के साथ देखा जा सकता है, जिससे ब्रांड के साथ उनकी पूरी यात्रा के दौरान कस्टमर इंटरैक्शन्स का पूरा और यूनिफ़ाइड व्यू उपलब्ध हो सके। इसके अलावा, शक्तिशाली एनालिटिकल क्षमताओं, जैसे कि गलतियों की पहचान फ़ीचर और अनलिमिटेड़ रियल-टाइम सेगमेंटेशन को इस एकत्रित वॉइस डेटा पर लागू किया जा सकता है, ठीक उसी तरह जैसे वे अन्य चैनलों के डेटा पर लागू होते हैं। यह इंटीग्रेशन यह समझने के लिए ज़रूरी है कि वॉइस इंटरैक्शन किस तरह अन्य टचपॉइंट्स को प्रभावित करते हैं या उनके पूरक के तौर पर काम करते हैं, और कस्टमर एक्सपीरिएंस के पूरे लैंडस्केप में एक जैसे एनालिटिकल मेथड कैसे लागू करते हैं।

इंटेंट, यूज़र ऑथेंटिकेशन, स्लॉट्स, पैरामीटर्स और सेशन की अवधि जैसे विस्तृत मेट्रिक्स को कैप्चर करने से वॉइस एनालिटिक्स, इस्तेमाल की आसान गणना या कमांड लॉग से कहीं आगे निकल जाता है। इतने बारीक स्तर की जानकारी से इस बात की ज़्यादा गहन समझ मिलती है कि यूज़र्स अपने वॉइस कमांड्स से क्या हासिल करना चाहते हैं, वे वॉइस ऐप्लिकेशन के बातचीत के फ़्लो के साथ किस तरह इंटरैक्ट करते हैं और किस जगह उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है या टास्क छोड़ना पड़ रहा है। इस प्रकार की डिटेल्ड इनसाइट बातचीत की डिजाइनों को ऑप्टिमाइज़ करने, वॉइस पर आधारित सेवाओं की प्रासंगिकता और सटीकता को बेहतर बनाने और अंत में, यूज़र की संतुष्टि को बढ़ाने के लिए ज़रूरी है।

कोहोर्ट एनालिसिस से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल।

केवल एक बिंदु पर नहीं, बल्कि समय के साथ यूज़र के बर्ताव को समझना, असली एंगेजमेंट, रिटेन्शन और प्रॉडक्ट्स और मार्केटिंग की कोशिशों के दूरगामी असर का मूल्यांकन करने के लिए बुनियादी ज़रूरत है। Adobe Analytics में कोहोर्ट एनालिसिस इस परिप्रेक्ष्य को हासिल करने के लिए एक मज़बूत टेक्नीक है।

Adobe Analytics में कोहोर्ट एनालिसिस क्या है?

Adobe Analytics में एनालिसिस वर्कस्पेस के तहत उपलब्ध कोहोर्ट एनालिसिस ऐसा एनालिटिकल तरीका है, जो यूज़र्स की यह समझने में मदद करता है कि साझा खासियतों या एक्सपीरिएंस वाले यूज़र्स के ग्रुप (कोहोर्ट के नाम से जाने जाते हैं) लंबी अवधि के दौरान कैसे व्यवहार करते हैं। एनालिसिस में आम तौर पर एक "इन्क्लूज़न मेट्रिक" शामिल होता है, जो किसी यूज़र के लिए एक कोहोर्ट का हिस्सा बनने के मानदंड को तय करता है (उदाहरण के लिए, ऐसे यूज़र्स जिन्होंने किसी विशिष्ट महीने में ऐप इंस्टॉल किया है), और एक "रिटर्न मेट्रिक", जो बाद की अवधि में उस कोहोर्ट के लिए एक विशेष व्यवहार या परिणाम को ट्रैक करता है (उदाहरण के लिए, उनके हर महीने के सेशन काउंट या खरीदारी की दर)। यह टेक्नीक यूज़र के व्यवहार के स्थिर, स्नैपशॉट व्यू से आगे जाकर, उनके लाइफ़-साइकल में यूज़र रिटेन्शन, एंगेजमेंट और कन्वर्ज़न में डायनैमिक पैटर्न को दिखाती है।

कोहोर्ट एनालिसिस के लिए यूज़ केसेज़ क्या हैं?

कोहोर्ट एनालिसिस एक बहुउपयोगी टूल है, जो बिज़नेस के कई सवालों पर लागू होता है। कुछ रोज़ के यूज़ केसेज़ में ये शामिल हैं:

  • ऐप एंगेजमेंट: मोबाइल ऐप इंस्टॉल करने वाले यूज़र्स किस तरह समय के साथ उससे एंगेज रहते हैं, इसकी एनालिसिस करना, पैटर्न की पहचान करना, जैसे कि शुरुआती मंजूरी, इस्तेमाल में कमी, या लंबे समय तक लगातार एंगेजमेंट।
  • सब्सक्रिप्शन कन्वर्ज़न: यूज़र्स के शुरुआती साइन-अप के बाद के महीनों में, फ़्री सब्सक्रिप्शन या ट्रायल वर्ज़न को अपग्रेड करके पेमेंट वाले वर्ज़न पर जाने की दर को ट्रैक करना।
  • जटिल कोहोर्ट सेगमेंट्स: समावेशन और रिटर्न मापदंड के लिए कई तरह के मेट्रिक्स और सेगमेंट्स का इस्तेमाल करके विशेष कोहोर्ट ग्रुप बनाना। इससे खराब परफ़ॉर्मेंस देने वाले कस्टमर सेगमेंट्स की पहचान की जा सकती है और परफ़ॉर्मेंस में सुधार के लिए खास उनके लिए तैयार किए गए प्रमोशन्स या हस्तक्षेप के माध्यम से उन्हें टार्गेट किया जा सकता है।
  • ऐप वर्ज़न अडॉप्शन: अलग-अलग मोबाइल ऐप वर्ज़न में यूज़र एंगेजमेंट, रिटेन्शन और चर्न रेट की तुलना करना, ताकि अडॉप्शन पैटर्न को समझा जा सके और यह पहचाना जा सके कि क्या कोई खास वर्ज़न यूज़र्स को दूर कर रहे हैं या अपग्रेड के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
  • कैंपेन स्टिकीनेस: कस्टम डाइमेंशन कोहोर्ट फ़ीचर का इस्तेमाल करके अलग-अलग कैंपेन कोहोर्ट की तुलना करते हुए, समय के साथ यूज़र्स को आकर्षित करने और बनाए रखने की मार्केटिंग कैंपेन्स के असर का मूल्यांकन करना।
  • प्रॉडक्ट लॉन्च इंपैक्ट: किसी नए प्रॉडक्ट लॉन्च के किसी विशेष कस्टमर सेगमेंट के बर्ताव और आय पर असर का आकलन करने के लिए, लेटेंसी टेबल सेटिंग का इस्तेमाल किया जाता है। आकलन करने के लिए लॉन्च से पहले और बाद की उनकी गतिविधियों का विश्लेषण किया जाता है।
  • सबसे ज़्यादा लॉयल यूज़र्स की पहचान करना (व्यक्तिगत स्तर पर इस्तेमाल की निरंतरता): रोलिंग कैलकुलेशन सेटिंग इस्तेमाल करके महीने-दर-महीने के आधार पर दोबारा खरीदारी करने वाले कस्टमर्स की पहचान करना, और इसके विपरीत, उन कस्टमर्स की पहचान करना जो खरीदारी छोड़ चुके हैं या दोबारा खरीदारी करने का बर्ताव नहीं दिखा रहे हैं। ये अलग-अलग यूज़ केसेज़,  यूज़र लाइफ़-साइकल मैनेजमेंट, प्रॉडक्ट परफ़ॉर्मेंस के आकलन और मार्केटिंग असर के मूल्यांकन से जुड़े बिज़नेस के महत्वपूर्ण सवालों को हल करने में कोहोर्ट एनालिसिस की फ़्लेक्सिबिलिटी को दिखाते हैं।

Adobe Analytics और GDPR कॉम्प्लायंस से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल।

डेटा प्राइवेसी रेग्‍युलेशन, खास तौर पर जनरल डेटा सिक्‍योरिटी रेग्‍युलेशन (GDPR), संगठनों द्वारा कस्टमर डेटा इकट्ठा करने, प्रॉसेस करने और स्टोर करने के तरीके को अहम तरीके से प्रभावित करते हैं। यूरोपियन यूनियन में काम करने वाले या वहाँ के लोगों को सेवाएँ देने वाले बिज़नेसेज़ के लिए यह समझना बेहद ज़रूरी है कि Adobe Analytics इन ज़रूरतों के साथ किस तरह अलाइन करता है।

क्या Adobe Analytics GDPR के कॉम्पलायंट है?

Adobe Analytics का इस्तेमाल इस तरह किया जा सकता है कि यह GDPR के कॉम्प्लायंस में रहे। हालाँकि, कॉम्प्लायंस प्राप्त करना और उसे कायम रखना एक साझा ज़िम्मेदारी है। Adobe, GDPR की शर्तों का पालन करते हुए टूल्स और सुविधाएँ उपलब्ध करवाता है, लेकिन Adobe Analytics का इस्तेमाल करने वाले संगठन (डेटा कंट्रोलर) को प्‍लेटफ़ॉर्म को कॉन्फ़िगर करने और डेटा गवर्नेंस के सही तरीके लागू करने के लिए खुद ही सक्रिय कदम उठाने होंगे, ताकि यह पक्का हो सके कि उनका विशेष यूज़ केस GDPR के अनुरूप हो। इसका अर्थ यह है कि प्लेटफ़ॉर्म खुद ही कॉम्प्लायंस के लिए क्षमताएँ प्रदान करता है, लेकिन उन्हें सही ढंग से लागू और मैनेज करने की ज़िम्मेदारी यूज़र पर है।

Adobe Analytics का इस्तेमाल करते हुए GDPR कॉम्प्लायंस पक्का करने के लिए क्या कदम उठाने की ज़रूरत होती है?

Adobe Analytics का इस्तेमाल करते हुए GDPR कॉम्प्लायंस पक्का करने के लिए यूज़र के संगठन को कई सक्रिय तरीके अपनाने होते हैं। दिए गए मटीरियल में कम्यूनिटी एडवाइज़र का जवाब ऐसे कई आधिकारिक Adobe रिसोर्सेज़ की ओर संकेत करता है, जो इस विषय पर पूरी गाइडेंस देते हैं। इनमें शामिल हैं:

ये रिसोर्सेज़ आम तौर पर ज़रूरी स्टेप्स के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं, जैसे कि डेटा गवर्नेंस नीतियाँ लागू करना, Adobe Analytics में प्राइवेसी सेटिंग्स को सही तरीके से कॉन्फ़िगर करना, यूज़र की सहमति को असरदार ढंग से मैनेज करना और डेटा सब्जेक्ट ऐक्सेस रिक्वेस्ट्स (DSARs) के हैंडलिंग के लिए प्रॉसेस बनाना, जैसे कि GDPR द्वारा तय किया गया है। कॉम्प्लायंस ऑटोमैटिक नहीं है; इसके लिए प्लेटफ़ॉर्म के डेटा गवर्नेंस फ़ीचर्स का इस्तेमाल करके सावधानीपूर्वक कॉन्फ़िगरेशन करने और GDPR सिद्धांतों का लगातार पालन करने की ज़रूरत होती है।

Analysis Workspace से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल।

Analysis Workspace, Adobe Analytics का प्रमुख टूल है, जिसका इस्तेमाल डेटा की खोज, विज़ुअलाइज़ेशन और इनसाइट पाने के लिए किया जाता है। इस सेक्शन में Analysis Workspace की ज़रूर शर्तों, क्षमताओं और समस्याओं के समाधान से जुड़े सामान्य सवालों को कवर किया गया है।

Analysis Workspace के लिए ऐडमिन और ऐक्सेस से जुड़ी क्या शर्तें हैं?

स्टैंडर्ड Adobe Analytics में यूज़र परमिशंस, Analysis Workspace और उसके फ़ीचर्स तक ऐक्सेस को नियंत्रित करती हैं। इसमें खास रिपोर्ट सेट और उनके कंपोनेंट्स (जैसे सेगमेंट्स, मेट्रिक और डाइमेंशन) के ऐक्सेस की परमिशंस शामिल हैं। परमिशंस, प्रोजेक्ट्स को क्यूरेट करने, बनाने, शेयर करने और शेड्यूल करने को भी कंट्रोल करती हैं। यूज़र्स को विस्तृत जानकारी के लिए प्रशासनिक ज़रूरतों से संबंधित दस्तावेज़ों को देखना चाहिए। ये कंट्रोल डेटा सुरक्षा को पक्का करते हैं और संगठनों को यह मैनेज करने की सुविधा देते हैं कि कौन लोग विभिन्न डेटासेट और एनालिटिकल प्रोजेक्ट्स को ऐक्सेस कर सकते हैं और उनसे इंटरैक्ट कर सकते हैं।

क्या Analysis Workspace का इस्तेमाल डेटा कलेक्शन पर असर डालेगा?

नहीं, Analysis Workspace का इस्तेमाल करने से डेटा कलेक्शन पर किसी भी तरह से असर नहीं पड़ेगा। यह पहले से इकट्ठा किए गए डेटा पर काम करने वाला एक रिपोर्टिंग और विज़ुअलाइज़ेशन टूल है। यूज़र्स कई तरह के कंपोनेंट्स (डाइमेंशन, मेट्रिक्स, सेगमेंट, विज़ुअलाइज़ेशन) को किसी प्रोजेक्ट में आसानी से ड्रैग और ड्रॉप कर सकते हैं, ताकि अंडरलाइंस डेटा या डेटा कलेक्शन प्रॉसेस को कोई नुकसान पहुँचाए बिना अलग-अलग तरह के एनालिटिकल व्यू का पता लगाया जा सके। अगर कोई यूज़र किसी प्रोजेक्ट में अनजाने में कोई बदलाव कर देता है, तो वह आखिरी ऐक्शन को पहले जैसा करने के लिए 'पहले जैसा करें' फ़ंक्शन इस्तेमाल कर सकता है।

'सिर्फ़ पढ़ने वाले' यूज़र के तौर पर मुझे Analysis Workspace में कौन-से ऐक्शन लेने की परमिशन है?

जब Analysis Workspace प्रोजेक्ट को किसी यूज़र के साथ 'सिर्फ़ पढ़ने के लिए' मोड में शेयर किया जाता है, तो प्रोजेक्ट में दिए गए सभी एडिट फ़ंक्शन और फ़ीचर्स प्रोजेक्ट पाने वाले व्यक्ति के लिए पूरी तरह बंद कर दिए जाएँगे। 'सिर्फ़ पढ़ने वाले' यूज़र्स आम तौर पर केवल पहले से तय एलिमेंट्स के साथ ही इंटरैक्ट कर सकते हैं, जैसे ड्रॉप-डाउन मेन्यू में विकल्पों को बदलना, जिन्हें प्रोजेक्ट बनाने वाले ने खास तौर से कॉन्फ़िगर किया है, ताकि पैनलों में नियंत्रित तरीके से फ़िल्टर लागू किए जा सकें। इससे यह पक्का होता है कि शेयर की गई रिपोर्टों को प्रोजेक्ट की संरचना या उसके कंपोनेंट्स में अनधिकृत बदलावों की अनुमति दिए बिना, सीमित तरीकों से देखा जा सकता है और उनसे इंटरैक्ट किया जा सकता है।