कस्टमर डेटा आज कंपनियों के लिए अहम एसेट है. दुर्भाग्य से, डेटा कलेक्शन बहुत से ऑर्गनाइज़ेशन्स की सिक्योरिटी और प्राइवेसी टेक्नोलॉजी से आगे निकल गया है और इससे उन्हें डेटा मिसमैनेजमेंट का खतरा हो गया है. कंज़्यूमर्स इसे जानते हैं वे इस पर अधिक कंट्रोल पर बल दे रहे हैं कि उनके डेटा का इस्तेमाल कैसे किया जाता है, चाहे ऐसा GDPR और CCPA जैसे प्राइवेसी रेग्युलेशन्स के लिए दबाव के ज़रिए किया जाए या बस ऑप्ट आउट करके किया जाए. साथ ही, कंपनियाँ ऐसी इंटर्नल, कांट्रेक्चुअल और रीजनल प्राइवेसी पॉलिसीज़ के बढ़ते हुए जाल का सामना करती है जिन्हें उन्हें लागू करना पड़ता है, साथ ही उन्हें मार्केटर्स के लिए शानदार एक्सपीरिएंसेज़ क्रिएट करने के लिए उनके लिए ज़रूरी डेटा पाने की भी ज़रूरत होती है.
मार्केट के ज़्यादातर कस्टमर डेटा प्लेटफ़ॉर्म्स (CDP) ज़िम्मेदार डेटा यूसेज़ एनश्योर करने के लिए काफ़ी रोबस्ट नहीं हैं. हालांकि इनमें से ज़्यादातर किसी न किसी तरह के डेटा मैनेजमेंट को एडवर्टाइज़ करते हैं, फिर भी उनके पास कंपनियों को असल कस्टमर डेटा प्रोटेक्शन और सिक्योरिटी देने के लिए उनके द्वारा लगातार आधार पर पूरी की जाने वाली विविध डेटा पॉलिसीज़ सेट और लागू करने की सुविधा देने वाले रियल-टाइम डेटा गवर्नेंस फ़्रेमवर्क की कमी होती है.