सभी सही मायनों में रिस्पॉन्सिव.
डिज़िटल इनोवेशन से दुनिया बदल रही है, इससे नए प्रोग्राम्स या सर्विसेज़ में ऑनलाइन खरीदारी या एनरोल करना अधिक सुविधाजनक हो गया है. लेकिन यह बिल्कुल आसान नहीं है. बिजनेसेज़ के लिए पहले जो आम प्रिंट, साइन और फ़ाइल प्रोसेस हुआ करती थी, वह अब ऐसी कॉम्पलीकेटेड प्रोसेस है जिसमें कई डिवाइसेज़, कई चैनल्स और आसमान छूती कस्टमर उम्मीदें शामिल हैं.
अपने एंप्लॉइज़ को काम के बोझ तले दबने से बचाने और आपके कस्टमर्ज़ द्वारा आपको छोड़े जाने से बचने के लिए, यह ज़रूरी है कि फ़ॉर्म भरने का हर पहलू बहुत आसान हो. इसका अर्थ यह है कि चाहे कस्टमर्स किसी भी डिवाइस पर हों, उन लिए अपनी ज़रूरत के फ़ॉर्म्स ढूँढ़ना, उन्हें भरना और फिर से दोबारा शुरू किए बिना आसानी और सुरक्षित रूप से ई-सिग्नेचर करना और फ़ॉर्म को अभी या बाद में सबमिट करना आसान होना चाहिए.
लेकिन, इसका अर्थ यह भी है कि एंप्लायीज़ के लिए भी फ़ॉर्म्स को डिज़ाइन और डिलीवर करना ज़रूर सरल होना चाहिए. चाहे हमारे फ़ॉर्म्स ऑथरिंग टूल के इस्तेमाल से फ़ॉर्म बनाया जाना हो या हमारी हेडलेस एडेप्टिव फॉर्म्स क्षमता का इस्तेमाल करके कस्टम फ़ॉर्म बनाया जाना हो, इसकी शुरुआत ऐसे फ़ॉर्म को बनाने में सक्षम होने से होती है जो किसी भी डिवाइस या चैनल पर खूबसूरती से रेंडर हो सकें. एरर्स कम करने के लिए मौजूदा कस्टमर या सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल्स से डेटा पुल करके कस्टमर्ज़ रिस्पोंसेस और प्री-फ़िल ऐप्लिकेशन्स के आधार पर फ़ॉर्म्स में रियल-टाइम में बदलाव करने की क्षमता के साथ ऐसा किया जाना जारी रहता है. और आखिरकार भरे गए फ़ॉर्म के अनुसार फ़ॉर्मैट में PDF प्रति ज़नरेट कर पा सकने से यह ज़रूरी होने पर प्रिंट और पेपर पर वापस लौट पा सकने से खत्म होता है.