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AI बनाम मशीन लर्निंग

https://stock.adobe.com/images/mature-pretty-woman-with-gray-hair-in-green-jumper-talking-to-the-digital-virtual-assistant-at-home-asking-a-question-or-requesting-to-switch-music-smart-ai-speaker-concept-and-voice-command-control/421462662#_blank | A woman demonstrating everyday use of artificial intelligence by using an Amazon Alexa.

आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) का मतलब है मशीनें आम तौर पर इंसान के दखल के बिना एडवांस्ड टास्क्स परफ़ॉर्म करने के लिए, इंसान की इंटेलिजेंस की कैसे नकल करती हैं. मशीन लर्निंग (ML) मॉडल्स बिना किसी अतिरिक्त प्रोग्रामिंग के सीखने के लिए रूल-बेस्ड एलगोरिदम्स का इस्तेमाल करते हैं.

AI और ML को ज़्यादातर एक-दूसरे की जगह इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि वे एक-दूसरे से करीबी रूप से कनेक्टेड हैं, लेकिन उनके बीच फ़र्क है. ऑर्गनाइज़ेशंस के लिए उचित सॉल्यूशंस में इनवेस्ट करने के लिए इन दोनों टेक्नोलॉजीज़ के बीच की बारीकियों को समझना ज़रूरी है.

इस आर्टिकल में हम समझाएँगे कि AI और मशीन लर्निंग क्या है, उनमें क्या फ़र्क है, वे कैसे साथ मिलकर काम करते हैं, और बिज़नेसेज़ प्रोडक्टिविटी में ज़्यादा बढ़ोतरी के लिए इन्हें कैसे अप्लाई कर सकते हैं.

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आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस क्या है?

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मशीन लर्निंग (ML) क्या है

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मशीन लर्निंग और AI के बीच फ़र्क

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AI और मशीन लर्निंग एक साथ कैसे काम करते हैं

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AI और मशीन लर्निंग के लाभ

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आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग को कैसे अप्लाई करें

#आर्टिफ़िशियल-इंटेलिजेंस-और-मशीन-लर्निंग-का-एप्लिकेशन

AI और मशीन लर्निंग का भविष्य

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आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस क्या है?

AI से, मशीनें ऐसे टास्क्स परफ़ॉर्म करती हैं जो आम तौर पर इंटेलिजेंट लोगों से जुड़े होते हैं. आम तौर पर “इंटेलिजेंस” का मतलब तर्क करने की ह्यूमन और नॉन-ह्यूमन (जानवर) केपेबिलिटी से होता है. लेकिन, “आर्टिफ़िशियल” का मतलब है कि यह इंटेलिजेंस किसी ऑर्गेनिक जीव द्वारा नहीं बल्कि कंप्यूटर द्वारा जेनरेट की गई है.

प्रैक्टिस में AI का मतलब है मशीनों द्वारा परफ़ॉर्म की गई ह्यूमन-मेड थिंकिंग पावर.

हालाँकि, यह साइंस फ़िक्शन जैसा लगता है, लेकिन AI शायद आपकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुकी है. Siri और Alexa जैसे वर्चुअल असिस्टेंट्स आपके प्रेफ़रेंसेज़ जानने और रेलिवेंट रिज़ल्ट्स का सुझाव देने के लिए AI का इस्तेमाल करते हैं. AI-पावर्ड चैटबॉट्स शॉपर्स के लिए 24/7 पर्सनलाइज़्ड हेल्प हासिल करना भी मुमकिन बनाते हैं.

लेकिन AI खुद अपने दम पर ये इनसाइट्स जेनरेट नहीं कर सकती. इसे इन प्रोसेसेज़ को पूरा करने के लिए आम तौर पर किसी तरह के डेटा की ज़रूरत होती है. यह डेटा कोई टाइप्ड मेसेज़, वोकल कमांड, या कोई इमेज़ हो सकती है.

यह ध्यान रखना भी ज़रूरी हैं कि AI के अनेक प्रकार हैं. ऑर्गनाइज़ेशंस अलग-अलग टास्क्स पूरे करने के लिए एक या कई तरह की AI का इस्तेमाल करते हैं.

Infographic covering the three different types of AI: Weak AI, General AI, and Super AI.

Weak AI

Weak AI ऐसी तरह की AI है जो बहुत लिमिटेड होती है और जिसमें स्पेशलाइज़ेशन का बहुत कम स्कोप होता है. यह AI अपनी तय लिमिटेशंस के बाहर के टास्क्स परफ़ॉर्म नहीं कर सकती क्योंकि इसे सिर्फ़ एक खास टास्क के लिए ट्रेन किया गया है.

उदाहरण के लिए, डिजिटल वॉयस असिस्टेंट्स और प्रोडक्ट सिफ़ारिश इंज़न्स कमज़ोर AI का इस्तेमाल करते हैं. वे अपने स्पेशलाइज़ेशन से बाहर के अतिरिक्त टास्क्स या फ़ंक्शंस परफ़ॉर्म नहीं कर सकते.

General AI

General AI में इंसान के दिमाग के सीखने के तरीके की नकल करने की कैपेसिटी होती है. सैद्धांतिक रूप से, General AI इंसान की एफ़िशिएंसी के साथ कोई भी इंटेक्चुअल टास्क परफ़ॉर्म कर सकती है, लेकिन इसकी केपेबिलिटीज़ पर अभी भी रिसर्च की जा रही है.

Super AI

Super AI इंटेलिजेंस का ऐसा लेवल है जिस पर मशीनें इंसान की इंटेलिजेंस से आगे निकल जाती हैं. इस लेवल पर AI इंसानों से बेहतर ढंग से टास्क्स को परफ़ॉर्म कर सकती है. मौजूदा समय में Super AI सिर्फ़ एक सोच है.

कोई बिज़नेस चाहे किसी भी तरह की AI का इस्तेमाल करे, यह टेक्नोलॉजी डेटा को इंटरप्रेट करने और इंसान जैसी इंटेलिजेंस की नकल करने के लिए एलगोरिदम्स पर निर्भर करती है. यहाँ AI, मशीन लर्निंग से अलग हो जाती है जो किसी खास टास्क को परफ़ॉर्म करने के लिए पहले से प्रोग्राम किए गए डेटा की सप्लाई का इस्तेमाल करती है.

आइए हम इसकी बुनियादी बातों के बारे में जानें कि मशीन लर्निंग कैसे काम करती है .

मशीन लर्निंग (ML) क्या है?

मशीन लर्निंग आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस की सबकैटगरी है जिससे मशीनें पिछले डेटा या एक्सपीरिएंसेज़ से सीख पाता हैं. उन्हें खास तौर पर बार-बार सटीक आउटकम्स के लिए एलगोरिदम्स प्रोड्यूस करने के लिए प्रोग्राम नहीं किया जाता है.

उदाहरण के लिए, स्पीड-टू-टेक्स्ट सर्च आपके फ़ोन पर बोले गए शब्दों को टेक्स्ट में ट्रांसलेट करने के लिए ML का इस्तेमाल करती है. मेडिकल दुनिया में डॉक्टर्स इमेज़िंग एनालिसिस में तेज़ी लाने के लिए मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करते हैं, और बैंकिंग में ML धोखाधड़ी का पता लगाने के प्रोसेस में तेज़ी लाती है.

तीन तरह के मशीन लर्निंग मॉडल्स हैं.

सुपरवाइज़ की गई लर्निंग

इस तरह के ML को लेबल किए गए ट्रेनिंग डेटा का इस्तेमाल करके ट्रेन किया जाता है. डेटा साइंटिस्ट्स बहुत क्लियर, डिस्क्रिप्टिव डेटा का इस्तेमाल करते हुए मॉडल को ट्रेन करते हैं. ट्रेन किए जाने के बाद इस तरह का मशीन लर्निंग मॉडल डेटा को कैटगरीज़ में क्लासीफ़ाई कर सकता है और पैटर्न्स और ट्रेंड्स का पता लगाने के लिए उस जानकारी का इस्तेमाल कर सकता है.

रीइन्फ़ोर्समेंट लर्निंग

रीइनफ़ोर्समेंट लर्निंग से ML मॉडल ट्रायल एंड एरर के ज़रिए सीखता है. मॉडल आउटपुट जेनरेट करेगा, और डेटा साइंटिस्ट को इस बारे में फ़ीडबैक देना होता है कि आउटपुट सही है या नहीं. इससे मॉडल किसी टास्क को परफ़ॉर्म करने के लिए सही एक्शंस तय करने के लिए पिछले एक्सपीरिएंसेज़ से फ़ीडबैक इकट्ठा कर पाता है.

सुपरवाइज़ न की गई लर्निंग

सुपरवाइज़ की गई लर्निंग लेबल किया गया डेटा मुहैया करवाती है, जबकि इसके विपरीत सुपरवाइज़ न की गई लर्निंग ML एलगोरिदम को लेबल न किए गए डेटासेट्स मुहैया करवाती है. इसका मतलब है कि एलगोरिदम इंसान के दखल की ज़रूरत के बिना खुद अपने दम पर पैटर्न्स और ग्रुपिंग्स का पता लगा सकता है.

ML मॉडल्स पेचीदा हो सकते हैं, लेकिन इन एलगोरिदम्स का उनके आउटपुट्स की क्वालिटी और यूज़फ़ुलनेस पर बड़ा असर हो सकता है. इस बारे में ज़्यादा जानें कि मशीन लर्निंग मॉडल्स कैसे काम करते हैं.

मशीन लर्निंग और AI के बीच फ़र्क

मशीन लर्निंग और AI, एक-दूसरे से करीबी रूप से जुड़े हैं क्योंकि ML, AI का सबसेट है. लेकिन, ML का मकसद AI से अलग है, इसलिए यह ज़रूरी है कि दोनों टेक्नोलॉजीज़ को मिक्स अप न किया जाए.

आइए हम AI और मशीन लर्निंग के बीच बड़े फ़र्कों के बारे में जानते हैं.

A table explaining the difference between machine learning and AI.

AI को समझना

AI से, डेटा ऐसे साइंटिस्ट्स इंटेलिजेंट सिस्टम्स बनाते हैं जो किसी इंसान की तरह टास्क्स को परफ़ॉर्म कर सकते हैं. AI का मकसद इंसान जैसी इंटेलिजेंस के साथ ऐसा स्मार्ट कंप्यूटर सिस्टम बनाना है जो डायरेक्ट ह्यूमन इनपुट के बिना पेचीदा समस्याओं को हल कर सके.

AI के कई अलग-अलग तरह के एप्लिकेशंस हैं, लेकिन यह खास तौर पर मौकों और कामयाबी को मैक्सिमाइज़ करने पर फ़ोकस्ड है. क्योंकि यह ज़्यादा एडवांस्ड है, इसलिए AI अनस्ट्रक्चर्ड डेटा से डील कर सकती है. इसका मतलब है कि डेटा साइंटिस्ट्स लेबल न किए गए डेटासेट को अपलोड कर सकते हैं और इसके बावजूद ज़बरदस्त इनसाइट्स पा सकते हैं.

तीन तरह की AI हैं वीक AI, ज़नरल AI, और सुपर AI.

मशीन लर्निंग को समझना

मशीन लर्निंग का लक्ष्य मशीनों को डेटा से सीखने देना है ताकि वे एक्युरेट आउटपुट्स दे सकें. ML मॉडल्स से डेटा साइंटिस्ट्स मशीनों को डेटा के साथ खास टास्क्स को परफ़ॉर्म करने और एक्युरेट रिज़ल्ट्स पेश करने के तरीके सिखाते हैं.

ML में एप्लिकेशंस का स्कोप लिमिटेड है, और यह खास तौर पर सटीकता और पैटर्न की पहचान करने पर फ़ोकस करती है. यह अनस्ट्रक्चर्ड डेटा को नहीं समझ सकती — इसे एक्युरेट आउटपुट्स जेनरेट करने के लिए स्ट्रक्चर्ड या सेमी-स्ट्रक्चर्ड डेटा की ज़रूरत होती है.

तीन तरह की ML हैं, सुपरवाइज़ की गई लर्निंग, रीइनफ़ोर्समेंट लर्निंग और सुपरवाइज़ न की गई लर्निंग.

AI और मशीन लर्निंग एक साथ कैसे काम करते हैं

AI और ML रियल-वर्ल्ड टास्क्स के लिए इनोवेटिव सॉल्यूशंस मुहैया करा के लिए साथ काम करते हैं. दरअसल, AI सिस्टम्स ML का इस्तेमाल करके बनाए जाते हैं.

AI और ML अलग-अलग कन्सेप्ट्स हैं, लेकिन ये साथ मिलकर बेहतरीन रिज़ल्ट्स देते हैं.

Infographic on how AI and machine learning work together.

यह कैसे काम करता है

मशीन लर्निंग, AI से कम पेचीदा है, लेकिन यह AI सिस्टम्स के लिए ड्राइविंग फ़ोर्स है. AI नीचे दिए गए जैसे टास्क्स को पूरा करने के लिए ML का इस्तेमाल करती है:

  1. डेटा तैयार करना. इसमें डेटा को सेलेक्ट, क्लीन करना और ऐसे फ़ॉर्मैट में ट्रांसफ़ॉर्म करना शामिल है जिसका किसी ML एलगोरिदम द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है.
  2. मॉडल ट्रेनिंग. ML एलगोरिदम का इस्तेमाल ऐसा मॉडल बनाने के लिए किया जाता है जो इनपुट डेटा के आधार पर प्रिडिक्शंस और फ़ैसले दे सके. एलगोरिदम पैटर्न्स और संबंधों की पहचान करके और एरर्स को कम से कम करने के लिए अपने पैरामीटर्स को एडजस्ट करके डेटा से “सीखता” है. इस प्रोसेस को अनेक बार दोहराया जाता है और तब तक जारी रखा जाता है जब तक कि कंसिस्टेंट रूप से हाई लेवल की सटीकता प्राप्त नहीं कर ली जाती.
  3. मॉडल डिप्लॉयामेंट. मॉडल को ट्रेन करने के बाद, इसे आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के एक रूप की तरह नए डेटा के आधार पर प्रिडिक्शंस और क्लासीफ़िकेशंस करने के लिए रियल-वर्ल्ड सेटिंग में इस्तेमाल किया जा सकता है.


कुछ लोगों को लगता है कि AI और मशीन लर्निंग सिर्फ़ बड़ी कंपनियों तक लिमिटेड हैं, लेकिन ये टेक्नोलॉजीज़ रोज़मर्रा की ज़िंदगी में बहुत इस्तेमाल की जाती हैं. दरअसल 77% लोग AI द्वारा पावर्ड डिवाइसेज़ या सर्विसेज़ का इस्तेमाल करते हैं — और ज़्यादातर लोगों को यह अहसास भी नहीं होता है.

डीप लर्निंग ML का एक सबसेट है. यह इंसान के दिमाग की लर्निंग एबिलिटीज़ की नकल करने के लिए तीन या ज़्यादा लेयर्स के साथ न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल करती है. कई AI टूल्स ऑटोमेशन में तेज़ी लाने और ज़्यादा हाई लेवल के टास्क्स परफ़ॉर्म करने के लिए डीप लर्निंग का इस्तेमाल करते हैं. इस बारे में ज़्यादा जानें कि डीप लर्निंग, मशीन लर्निंग से कैसे अलग है.

AI और मशीन लर्निंग के लाभ

AI और ML बिज़नेसेज़ को टास्क्स को ऑटोमेट करने और उनके वर्कफ़्लोज़ को तेज़ करने के लिए ज़्यादा मौके देते हैं. AI और ML साथ मिलकर ऐसे फ़ायदे डिलीवर करते हैं:

  1. डेटा इनपुट के ज़्यादा सोर्सेज़. बिज़नेसेज़ के पास बेशुमार डेटा है. इस जानकारी को शेल्फ़ में जमा करने की बजाय, AI और ML ऑर्गनाइज़ेशंस को बड़ी मात्रा में डेटा इनपुट्स को इकट्ठा करने और प्रोसेस करने देते हैं. यह डेटा को ऑटोमैटिक रूप से स्केल पर मोबिलाइज़ करता है.
  2. बेहतर, अधिक तेज़ फ़ैसले लेना. AI और ML ऑर्गनाइज़ेशंस को बड़ी मात्रा में हाई-क्वालिटी डेटा का लाभ उठाने का मौका देते हैं. प्रैक्टिस में, इसका मतलब है कि बिज़नेसेज़ अनस्ट्रक्चर्ड डेटा से ज़्यादा रेग्युलर तौर पर डेटा-ड्रिवन इनसाइट्स ले सकते हैं. इससे उन्हें ज़्यादा एजाइल और डेटा-ड्रिवन बनने में मदद मिलती है जिससे पूरे एंटरप्राइज़ में फ़ैसले लेने का प्रोसेस बेहतर होता है.
  3. बढ़ी हुई ऑपरेशनल एफ़िशिएंसी. AI और ML बिज़नेसेज़ को एरर्स को कम करते हुए उबाऊ टास्क्स को ऑटोमेट करने का मौका देते हैं जिससे बिज़नेसेज़ ज़्यादा एफ़िशिएंट और किफ़ायती हो जाते हैं. दरअसल, रिटेल जैसी कुछ इंडस्ट्रीज़ के लिए AI अप्रोचेज़ एरर्स को 50% तक कम कर सकती हैं.

आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का एप्लिकेशन

ह्यूमेनिटी ने अब तक इस बारे में बहुत कम जाना है कि AI और ML क्या कर सकते हैं. लेकिन, इन टेक्नोलॉजीज़ की पॉप्युलेरिटी बढ़ रही है. दरअसल, साल 2022 में 35% ऑर्गनाइज़ेशंस ने AI का इस्तेमाल किया जो साल 2021 की तुलना में 4% की बढ़ोतरी थी.

साल 2023 में हम और ज़्यादा बिज़नेसेज़ को इन एप्लिकेशंस में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करते हुए देख रहे हैं:

AI और मशीन लर्निंग का भविष्य

आगे बढ़ते हुए, हम AI और ML की माँग में बढ़ोतरी होते हुए देखने की उम्मीद करते हैं. साल 2029 तक AI और ML इंडस्ट्री $209 बिलियन से अधिक होगी.

फ़्यूचर में, AI हाइपर-पर्सनलाइज़्ड कंज़्यूमर एक्सपीरिएंसेज़ बनाने के अलावा मेडिसिन और रिसर्च में क्रांति लाएगी. उदाहरण के लिए, Adobe Real-Time CDP ऑडिएंसेज़ को आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के ज़रिए स्केल करने के लिए इनसाइट्स और एक्शनेबल स्टेप्स जेनरेट करता है. AI और ML सॉल्यूशंस को मैनेज करने के लिए STEM जॉब्स की माँग भी बढ़ेगी. दरअसल. कंप्यूटर और डेटा साइंटिस्ट्स के जॉब्स साल 2031 तक 21% तक बढ़ने का अनुमान है.

यह साफ़ है कि AI और ML बिज़नेस में क्रांति लाना जारी रखेंगे जैसा कि हम जानते हैं. यह टेक्नोलॉजी ज़्यादातर बैकग्राउंड में ऑपरेट करती है, लेकिन आगे बढ़ते हुए, यह संभावना है कि यह हमारे काम और हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में ज़्यादा एक्टिव रोल प्ले करेगी.

क्या आप AI इवॉल्यूशन की अगली स्टेज़ के लिए तैयार हैं? यह जानें कि मशीन लर्निंग Adobe Sensei और सभी Adobe Experience Cloud प्रोडक्ट्स को कैसे बेहतर बनाती है.

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