गोपीनाथ का कहना है, “जब आप अपने सभी प्लेटफ़ॉर्म्स पर सीमलेस ढंग से डेटा शेयर कर रहे होते हैं तब आप बहुत तरह की केपेबिलिटीज़ को अनलॉक कर सकते हैं.” “आप सिर्फ़ ईमेल्स और पुश नोटिफ़िकेशन्स नहीं भेज रहे होते हैं — आप सही मायनों में एक ओमनीचैनल एक्सपीरिएंस ऑर्केस्ट्रेट कर रहे होते हैं. यह बेहद ताकतवर है.”
स्ट्रैटेजिक फ़ाउंडेशन
इम्प्लीमेंटेशन पार्टनर Bounteous, जो एक डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन सर्विसेज़ कंसल्टेंसी हैं, के साथ काम करते हुए गोपीनाथ और उनकी टीम ने CCETH के लिए पर्सनलाज़ेशन स्ट्रैटेजी बनाई जिसमें चार अहम स्टेप्स शामिल थे:
- कोलैबोरेशन को इनेबल करने के लिए टीम स्ट्रक्चर सेट करना
- कस्टमर्स की साफ़ पिक्चर पाने के लिए डेटा को सेंट्रलाइज़ करना
- स्ट्रैटेजिक फ़ाउंडेशन के रूप में सेवाएँ देने के लिए यूज केसेज़ को डिफ़ाइन करना
- यूज केसेज़ के ज़रिए स्ट्रैटेजी को लागू करना
गोपीनाथ के पास डिजिटल मार्केटिंग में गहरा बैकग्राउंड है, और वे जानते थे कि टेक्नोलॉजी टीम को शुरू से ही इन्वॉल्व होने की ज़रूरत है. बिज़नेस टीम द्वारा लागू करने के लिए टेक्नोलॉजी टीम को विचार भेजने की पारंपरिक हैंडऑफ़ अप्रोच की बजाय वे साथ मिलकर पूरे प्रोसेस में प्लानिंग, एग्जिक्यूशन, और दोहराव के लिए सबको साथ लाए. इसका मतलब दुनिया के दूसरी ओर टीम मेंबर्स के साथ क्रॉस-कॉन्टिनेन्टल कोलैबोरेशन के लिए सिस्टम बनाना भी था.
अगला कदम बहुत-से सोर्सेज़ से डेटा को सेंट्रलाइज़ करके साइलोज़ को तोड़ना था. टीम को कंपनी के ERP और CRM सोर्सेज़ जैसे अन्य सोर्सेज़ से जानकारी के साथ Adobe Commerce से किसी कार्ट में आइटम्स ऐड करने, ऑर्डर हिस्ट्री जैसे बैक-ऑफिस डेटा, और प्रोफ़ाइल डेटा जैसे बर्ताव संबंधी एक्शन्स समेत ईकॉमर्स डेटा को कम्बाइन करने का तरीका निकालने की ज़रूरत थी. उन्होंने डेटा को Experience Platform और रियलटाइम CDP में फ़्लो करने के लिए Adobe Commerce Data Sharing एक्सटेंशन का इस्तेमाल किया जहाँ इसे यूनिफ़ाइड कस्टमर प्रोफ़ाइल्स में स्टैंडर्डाइज़ किया गया था.
गोपीनाथ का कहना है, “कॉमर्स इंटीग्रेशन के साथ हम हर कंज़्यूमर टचप्वाइंट को कैप्चर कर पाए.” “इससे हमें कंज़्यूमर के पहली बार साइट पर आने के पल से लेकर सही कंज़्यूमर प्रोफ़ाइल तैयार करने में मदद मिलती है”
रिच कस्टमर प्रोफ़ाइल्स बनाने की योग्यता से लैस गोपीनाथ और उनकी टीम कस्टमर जर्नीज़ को पर्सनलाइज़ करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए तैयार थे. उन्होंने कंज़्यूमर इंटरैक्शन्स, मार्केटिंग पहलों, और पर्सनलाइज़ेशन टैक्टिक्स के मुताबिक मुमकिन यूज़ केसेज़ को प्राइऑरिटी दी और तीन पिल्लर्स का फ़्रेमवर्क तैयार किया:
- ऐसे यूज़ केसेज़ जो आमदनी को बढ़ावा देंगे
- ऐसे यूज़ केसेज़ जो इंगेजमेंट और रिटेंशन को बढ़ावा देते हैं
- ऐसे यूज़ केसेज़ जिन्होंने यह एनालाइज़ करने का मौका दिया कि किससे काम हुआ और इसे दोहराने के लिए कहा गया
सच्चा ओमनीचैनल एक्सपीरिएंस
टीम ने क्लासिक इंगेजमेंट यूज़ केस — कार्ट छोड़ने की समस्या से निपटने के साथ शुरुआत की. डेटा इंटीग्रेशन से पहले उन्हें यह दिखाने के लिए 48 घंटों तक का इंतज़ार करना पड़ा कि क्या किसी CCETH कस्टमर ने चेक आउट पूरा कर लिया है. अब रियल टाइम में डेटा फ़्लो होने के कारण वे एक घंटे में ईमेल चेक नहीं करने वाले यूज़र्स को तुरंत, पर्सनलाइज़्ड ईमेल रिमाइंडर्स भेजना शुरू कर पाए जिसके परिणामस्वरूप ईमेल खोलने के रेट में 36% की बढ़ोतरी, क्लिक-थ्रू रेट्स में 21% की, और कन्वर्शन रेट्स में 8.5% की बढ़ोतरी हुई है.
टीम ईमेल से परे जा पाई और इसने नए WhatsApp इंटीग्रेशन समेत वेबसाइट पर पॉप-अप मेसेजेज़ और पुश नोटिफ़िकेशन्स के ज़रिए रिमाइंडर्स डिलीवर किए. Journey Optimizer ने कस्टमर के बर्ताव, AI प्रोपेंसिटी स्कोर्स, और अन्य जानकारी के आधार पर कम्यूनिकेशन के लिए सही फ़्रीक्वेन्सी और चैनल्स को तय करने में मदद की.
गोपीनाथ का कहना है, “Journey Optimizer ने बहुत से चैनल्स को अनलॉक कर दिया है.” “इसने हमें सही मायनों में एक ओमनीचैनल एक्सपीरिएंस को ऑर्केस्ट्रेट करने की ताकत दी है.”
रियल-टाइम जानकारी के एक्सेस से CCETH अपने बॉटलर्स और गोदामों के ऑर्डर करने के बर्तावों को बेहतर ढंग से समझने के लिए Adobe Customer Journey Analytics का इस्तेमाल कर पाया. तुरंत यह देखते हुए कि कौन से प्रोडक्ट्स कम बिक रहे हैं, गोपीनाथ की टीम पोस्टल ऑर्डर्स के आधार पर Journey Optimizer के ज़रिए कस्टमाइज़्ड कम्यूनिकेशन्स को ट्रिगर कर पाई जहाँ उन्हें सीजनल फ़ैक्टर्स के कारण माँग बढ़ने का अनुमान था.
टीम ने खरीद के ट्रेंड्स को समझने और उन्हें ज़्यादा आमदनी लाने वाली प्रोडक्ट सिफ़ारिशों के साथ जोड़ने के लिए एनालिटिक्स का भी इस्तेमाल किया. गोपीनाथ का कहना है, “जिन प्रोडक्ट्स की हम सिफ़ारिश करते हैं उनके लिए आधार के रूप में अच्छी आमदनी भी होनी चाहिए — नहीं तो, इसे उचित ठहराना मुश्किल है कि हम क्या कर रहे हैं.”. “Customer Journey Analytics ने बिज़नेस स्टेकहोल्डर्स के लिए हमारे द्वारा बनाए गए डैशबोर्ड्स के ज़रिए यह विज़ुअलाइज़ करना आसान कर दिया कि हम क्या हासिल कर रहे हैं.”
Customer Journey Analytics से टीम को कम फ़्रीक्वेन्सी वाले कस्टमर्स को दोबारा इंगेज करने और खुश करने के नए तरीके ढूँढ़ने में भी मदद मिली — उदाहरण के लिए कस्टमर के जन्म दिन वाले महीने में पर्सनलाइज़्ड कूपन्स भेजकर या किसी एक्सपायर्ड प्रोमो कोड का इस्तेमाल करने की कोशिश जैसी संभावित रूप से नेगेटिव घटना की प्रतिक्रिया में पर्सनलाइज़्ड कूपन्स भेजकर. साथ ही टीम यह भी समझ पाई कि कौन से कस्टमर्स के खरीद करने की सबसे कम संभावना है ताकि वे मीडिया खर्च को लेकर ज़्यादा कुशल बन सकें.
पर्सनलाइज़ेशन की ताकत
गोपीनाथ और उनकी पावरहाउस ग्लोबल टीम ने पर्सनलाइज़ेशन के लिए ऐसी प्लेबुक बनाई जो पूरी दुनिया के मार्केट्स में Coca-Cola की स्ट्रैटेजी को नया आकार दे रही है. उन्होंने इसे पहले से ही US में Coca-Cola Store में भेजना शुरू कर दिया है जहाँ Adobe Sensei , Adobe की AI और मशीन-लर्निंग टेक्नोलॉजी की ताकत से पर्सनलाइज़्ड प्रोडक्ट डिस्कवरी ने तुरंत वैल्यू डिलीवर की है.
शुरुआती नतीजों में दिखा कि बर्ताव संबंधी एक्शन्स और शॉपर से नज़दीकी के आधार पर 1-से-1 प्रोडक्ट सिफ़ारिशों से क्लिक्स में 117% की और आमदनी में 36% की बढ़ोतरी हुई है. इस स्टोर में अपने “बार-बार साथ खरीदे जाने वाले” क्रॉस-सेल सिफ़ारिशों के लिए क्लिक-थ्रू रेट 17% हो गया था. ऑन-साइट सर्च हिट से कन्वर्शन रेट 19% है, और आम तौर पर टॉप तीन नतीजों में पता चलता है कि कस्टमर्स क्या ढूंढ़ रहे हैं.