सही हाथों में सही टूल

ADP के जोश ब्लैकवुड ने Adobe Workfront के साथ अपने बिज़नेस को कैसे ट्रांसफ़ॉर्म किया.

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अटलांटा, जॉर्जिया

www.adp.com

240

बचाए गए घंटे

प्रोडक्ट्स:

Adobe Workfront ›

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मकसद

कंसिस्टेंट रूप से पेचीदा प्रोजेक्ट्स के लिए डिपार्टमेंट्स को एक ही मज़बूत प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टूल दें

मीटिंग्स की संख्या और उसमें मौजूद रहने के लिए ज़रूरी लोगों की संख्या कम करें

प्राइऑरिटीज़ से अलाइन न किए जाने वाले एड हॉक प्रोजेक्ट्स पर ध्यान दें

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रिज़ल्ट्स

मीटिंग्स की संख्या में 50% की कमी आई जिससे 240 घंटों की बचत हुई

100% बड़े प्रोजेक्ट्स स्ट्रैटेजिक प्राइऑरिटीज़ से अलाइन्ड हैं

स्ट्रैटेजी सबसे अहम है

जोश ब्लैकवुड के लिए, प्रोडक्टिव होने का मतलब सिर्फ़ काम पूरा करवाना नहीं है. इसका मतलब है सही काम पूरा करवाना — यह ऐसा फर्क है जो मामूली लग सकता है लेकिन यह किसी बिज़नेस की बॉटम लाइन पर बड़ा असर डाल सकता है.

ब्लैकवुड Adobe Workfront का इस्तेमाल करने वाले ADP के चार बड़े डिपार्टमेंट्स में से एक ADP के HRO (Human Resources Outsourcing) के लिए प्रिंसिपल टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन कंसल्टेंट हैं.

और वे खुद को (मोटरसाइकल्स और दिक्कतों वाले प्रोसेसेज़ दोनों के) "फ़िक्सर" भी बताते हैं, ऐसे में ब्लैकवुड जब किसी चीज़ को ठीक करने लगते हैं, तब उनकी पहली प्राइऑरिटी यही होती है कि उनके हाथ में सही टूल हो.

ब्लैकवुड ने अपना करियर IT में काम करके शुरू किया और आखिरकार वे तरक्की करते-करते उन टीम्स को मैनेज करने लगे. लेकिन इसी दौरान उनकी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में दिलचस्पी जागी और वे PMP सर्टिफ़ाइड हो गए. ऐसा करियर बदलाव कुछ लोगों के लिए डराने वाला हो सकता है, लेकिन ब्लैकवुड के लिए यह रोमांचक था.

वन-स्टॉप शॉप के लिए वन-स्टॉप टूल

ब्लैकवुड को जब पहली बार ADP में प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में हायर किया गया था, तब वह बहुत ही विज़िबल और अहम प्रोजेक्ट की देखरेख कर रहे थे. इसमें उन्हें आखिरकार मिली कामयाबी ने उन्हें उनके मौजूदा रोल में लॉन्च करने में मदद की जहाँ वे HRO में बड़े और — अकसर पेचीदा — इनिशिएटिव्स के लिए सॉल्यूशन बनाते हैं.

HRO में ADP स्पेक्ट्रम पर सभी आउटसोर्सिंग HR प्रोडक्ट्स शामिल हैं. रेफ़्रेंस के लिए, उनका सबसे बड़ा प्रोडक्ट TotalSource है जो पूरी तरह से आउटसोर्स किया गया ह्यूमन कैपिटल मैनेजमेंट है. सोचें: लाभ, पेरोल, ऑनबोर्डिंग, आदि.

ब्लैकवुड उन प्रोडक्ट्स की छोटी से लेकर बड़ी, हर चीज़ को मैनेज करते हैं, इसलिए उनके लिए यह ज़रूरी है कि वे उन सभी प्रोडक्ट्स में बिज़नेस ज़रूरतों को बैलेंस करने में एक्सीलेंट हों. वे ADP के पोर्टफ़ोलियो को कंपनियों के लिए वन-स्टॉप शॉप के रूप में समझाते हैं ताकि वे एडमिनिस्ट्रेटिव फ़ंक्शन्स के बारे में फ़िक्र करने की बजाय उन चीजों पर फ़ोकस कर सकें जिनमें वे कुशल हैं.

इस तरह के मिशन के साथ, प्रोजेक्ट्स पेचीदा और चैलेंजिंग हो सकते हैं.

ब्लैकवुड और उनकी टीम को एहसास हुआ कि अपनी वन-स्टॉप शॉप प्रोडक्ट लाइन को मैनेज करने के लिए उन्हें सही वन-स्टॉप टूल की ज़रूरत है. यहीं पर Workfront का काम शुरू हुआ.

"सबसे बड़ा एक फ़ायदा यह है कि अब मीटिंग्स का फ़ोकस अलग हो सकता है. सिर्फ़ प्रोजेक्ट स्टेटस शेयर करने की बजाए, हम मीटिंग्स का इस्तेमाल डिपार्टमेंट्स के बीच असली दिक्कतें समझने के लिए कर सकते हैं. इससे हमें असली सॉल्यूशन्स खोजने के लिए ज़्यादा समय मिलता है."

जोश ब्लैकवुड

प्रिंसिपल टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन कंसल्टेंट, ADP

ट्रूथ का एक सोर्स खोजना

Workfront से पहले, काम को एड हॉक तरीके से हैंडल किया जाता था. इसका मतलब था कि कोई कंसिस्टेंट स्टैंडर्ड्स, मेथडॉलजी या ट्रैकिंग नहीं थे. ग्रुप को पूरे बिज़नेस में होने वाले काम में ट्रांसपेरेंसी और विज़िबिलिटी के न होने का भी सामना करना पड़ा.

ब्लैकवुड Workfront को ADP में ट्रूथ का एक सोर्स बताते हैं; यह ऐसी कॉमन जगह है जहाँ लोग बिज़नेस के लिए मायने रखने वाली हर चीज़ रखते हैं. हर कोई जानकारी के एक ही सोर्स से काम कर रहा है और एक ही लैंग्वेज बोल रहा है जिससे एफ़िशिएंसी, फ़ोकस और प्राइऑरिटाइज़ेशन बढ़ते हैं.

HRO के प्रोजेक्ट्स और इनिशिएटिव्स को मैनेज करने के लिए इनटेक और प्राइऑरिटी देने से लेकर काम पूरा करने और रिपोर्टिंग तक ब्लैकवुड अब Workfront का इस्तेमाल करते है. यह सब Workfront के ज़रिए किया जाता है. और वे और उनकी टीम दोनों ही इसके रिज़ल्ट्स देख रहे हैं.

ब्लैकवुड ने जब पहली बार ADP के साथ शुरुआत की, तब उनकी टीम किसी अन्य इनिशिएटिव के लिए प्लेटफ़ॉर्म्स बदल रही थी जो बहुत बड़ा प्रोजेक्ट था. इसलिए, 130 लोगों की 3-घंटे चलने वाली बहुत-सी मीटिंग्स हुईं. लेकिन Workfront से उन्हें प्रोजेक्ट के दौरान करीब 50 लोगों के पहले से ज़्यादा फ़ोकस्ड ग्रुप तक पहुँचने में मदद मिली.

Workfront में स्टेकहोल्डर्स क्योंकि रियल टाइम में प्रोजेक्ट स्टेटसेज़ को देख पाते हैं, इसलिए ब्लैकवुड की टीम को अपडेट्स देने में अब उतना समय नहीं खर्च नहीं करना पड़ता है जितना पहले खर्च करना पड़ता था. टूल में सब कुछ करेंट है, इसलिए सही मीटिंग्स में सही लोग आने लगे.

आखिरकार, काम के बारे में बात करने में खर्च होने वाला समय कम होने से वाकई में अहमियत रखने वाला काम करने के लिए ज़्यादा समय मिलने लगा है.

"एक सबसे बड़ा लाभ यह है कि अब मीटिंग्स का अलग फ़ोकस हो सकता है," ब्लैकवुड कहते हैं. "सिर्फ़ प्रोजेक्ट स्टेटसेज़ शेयर करने की बजाए, हम मीटिंग्स का इस्तेमाल डिपार्टमेंट्स के बीच असली दिक्कतें देखने के लिए कर सकते हैं. इससे हमें असली सॉल्यूशन्स खोजने के लिए ज़्यादा समय मिलता है."

"यदि आप किसी प्रोजेक्ट की शुरुआत में कामयाबी को डिफ़ाइन नहीं करते हैं, तो प्रोजेक्ट कभी खत्म नहीं होता.."

जोश ब्लैकवुड

प्रिंसिपल टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन कंसल्टेंट, ADP

Workfront के साथ KPI रिपोर्टिंग और प्रोजेक्ट प्राइऑरिटाइज़ेशन को नया रूप देना

ब्लैकवुड याद करते हैं कि Workfront से पहले इस बारे में अस्पष्ट-सा अंदाज़ा था कि KPI रिपोर्टिंग कैसे की जानी चाहिए, लेकिन इसके लिए कोई वास्तविक प्रोसेस नहीं था. Workfront से ADP को अपने KPI रिपोर्टिंग स्ट्रक्चर को स्टैंडर्डाइज़ करने में मदद मिली ताकि वे असल में समझ सकें कि इंटर्नल रूप से कामयाबी का क्या मतलब है.

HRO टूल में बनाए गए कस्टम फ़ॉर्म्स के ज़रिए जानकारी लेता है. आमदनी में बढ़ोतरी आदि को मापने के लिए ड्रॉप-डाउन मेन्यूज़ आसानी से सेलेक्ट करने लायक KPIs पेश करते हैं. टूल से KPI इनिशिएटिव्स में बदलावों पर डिटेल्ड, गहन नज़र भी मिलती है ताकि मैनेजर्स गोल्स का निष्पक्ष जायज़ा ले सकें.

और इस विज़िबिलिटी से लागतों को कम करने में भी मदद मिली है.

उदाहरण के लिए HRO, ADP क्लायंट के एप्लॉयीज़ को पेपर किट्स भेजता है. पहले, वे इन्हें कई फ़ेजेज़ में भेजा करते थे. लेकिन Workfront के ज़रिए, ब्लैकवुड की टीम किट भेजने को प्राइऑरिटाइज़ कर सकती है जिसका मतलब है कि किट्स सही मात्रा में भेजी जाती हैं — और कागज़ और डाक लागतों पर कम पैसा खर्च होता है.

इसलिए, KPI रिपोर्टिंग अब सिर्फ़ ज़्यादा स्ट्रक्चर्ड और ट्रांसपेरेंट ही नहीं है; बल्कि Workfront से मिलने वाली बहुत अधिक स्पष्टता से KPIs खुद ही ज़्यादा हासिल करने लायक बन जाते हैं.

Workfront से HRO को प्रोजेक्ट रिज़ल्ट्स को बिज़नेस के लिए अहमियत रखने वाले बड़े गोल्स से जोड़ने में भी मदद मिली है जिससे प्रोजेक्ट्स को प्राइऑरिटाइज़ करना आसान हो गया है.

ब्लैकवुड कहते हैं, "यदि आप किसी प्रोजेक्ट की शुरुआत में कामयाबी को डिफ़ाइन नहीं करते हैं, तो प्रोजेक्ट कभी खत्म नहीं होता."

अगर पूरा होने वाला हर प्रोजेक्ट HRO की कामयाबी में लहर की तरह है, तो Workfront से ब्लैकवुड को यह देखने में मदद मिलती है कि यह लहर बड़े बिज़नेस तक कितनी दूर तक फैली हुई है.

इनके विशाल स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव्स से संबंधित होने के कारण, वे प्रोजेक्ट्स को सेट अप करने, कामयाबी क्या है इसे डिफ़ाइन करने और फिर परफ़ॉर्मेंस को एनालाइज़ करने के लिए Workfront का इस्तेमाल करते हैं.

इस सबसे ट्रांसपेरेंसी में मदद मिलती है ताकि सही से किए गए काम को इसके पूरे असर के लिए आँका जाए और सुधार के इलाके पहले की तुलना में ज़्यादा स्पष्ट हों.

स्ट्रैटेजी-फ़र्स्ट अप्रोच के साथ इंटर्नल टीम्स को मज़बूत बनाना

ब्लैकवुड का कहना है कि लोग अपने अलग-अलग काम करने के लिए एक जैसा तरीका होना पसंद करते हैं. प्रोजेक्ट इनटेक और रिक्वेस्ट्स ज़्यादा आसान हो गए हैं. और, Workfront के ज़रिए अलग-अलग डिपार्टमेंट्स के लिए यूनीक प्रोसेसेज़ स्टैंडर्डाइज़ हो गए हैं जो पॉज़िटिव इंटर्नल बदलाव है.

इसमें स्मार्ट UI से भी मदद मिलती है.

“यूज़र इंटरफ़ेस के लुक और फ़ील से भी इसे अपनाए जाने को बढ़ावा देने में मदद मिली जिससे प्रोडक्ट का इस्तेमाल और इसलिए इसकी विज़िबिलिटी में बढ़ोतरी हुई. यह भारी-भरकम और डरावना नहीं है. Workfront में प्रोजेक्ट रन करने के लिए यह ज़रूरी नहीं है कि आपके पास कंप्यूटर साइंस की डिग्री हो. आप सीमित जानकारी होने पर भी बेसिक प्रोजेक्ट प्लान रन कर सकते हैं," ब्लैकवुड कहते हैं.

स्ट्रैटेजी अकसर उन टूल्स से सीमित होती है जो इसे टैंजिबल बनाते हैं. Workfront ने ब्लैकवुड और उनकी टीम के लिए इसे बदल दिया है.

ADP में जब बिज़नेस फ़ोकस बदलता है, तब यह देखना आसान हो जाता है कि Workfront कितना फ़्लेक्सिबल है. वे अपनी ऑर्गनाइज़ेशन संबंधी बदलती ज़रूरतों के अनुसार फिर से फिट करने के लिए आसानी से टूल के अंदर पिछले पैराडाइम अपडेट कर सकते हैं.

निष्कर्ष

ADP में, ब्लैकवुड ने अपने रोल को एक बड़े ऑपरेशनल प्रोजेक्ट को मैनेज करने से लेकर कुल मिलाकर HRO के लिए आर्किटेक्ट और स्ट्रैटेजिक थिंकर बनने तक इवॉल्व किया. और उन्हें इसमें Workfront से मदद मिली क्योंकि वे खुद को और अपनी टीम, दोनों को सही काम पर फ़ोकस कर पाए, इसके लिए उन्होंने काम को साफ़ तौर पर बिज़नेस के स्ट्रैटेजिक गोल्स से जोड़ा.

"फ़िक्सर" के रूप में, ब्लैकवुड पहले से ज़्यादा तेज़ी से ज़्यादा डेटा-ड्रिवन फ़ैसले ले पाए हैं जिससे आमदनी बढ़ाने में मदद मिली है.

कुल मिलाकर जिन हाथों में टूल होता है, वही हाथ काम करते हैं — टूल नहीं. सबसे बेहतरीन रिज़ल्ट तब मिलता है जब आप काबिल हाथों में वर्ल्ड-क्लास टूल देते हैं. और Workfront को सही टूल के रूप में इस्तेमाल करके अपने बिज़नेस को स्ट्रीमलाइन करने और आमदनी की सुई को आगे बढ़ाने के लिए ब्लैकवुड ने यही तरीका अपनाया.

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